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पुलिस ने मुख्य आरोपित के भाई का नाम मुकदमे से निकाला

गांव मुजैड़ी निवासी भंवरलाल की 22 जून को गोलियों से भूनकर हत्या मामले में फरार चल रहे मुख्य आरोपित लाला के भाई गांव भुआपुर निवासी सतीश को पुलिस ने क्लीनचिट दे दी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 08:01 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 06:17 AM (IST)
पुलिस ने मुख्य आरोपित के भाई 
का नाम मुकदमे से निकाला
पुलिस ने मुख्य आरोपित के भाई का नाम मुकदमे से निकाला

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : गांव मुजैड़ी निवासी भंवरलाल की 22 जून को गोलियों से भूनकर हत्या करने के मामले में फरार चल रहे मुख्य आरोपित लाला के भाई गांव भुआपुर निवासी सतीश को पुलिस ने क्लीनचिट दे दी है। सतीश भी इस मुकदमे में नामजद आरोपित था। सतीश को पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा क्लीनचिट देकर मुकदमे से ही बाहर कर दिया है। इससे भंवरलाल के परिजनों में रोष है। उनका कहना है कि इस मुकदमे में जब तक सतीश का नाम था, तब तक लाला के ऊपर दबाव था और उसकी गिरफ्तारी की उम्मीद थी। मगर अब पुलिस का लाला के ऊपर कोई दबाव नहीं है और वह किसी अन्य वारदात को अंजाम दे सकता है। पहले ही तमाम कोशिशों के बावजूद पुलिस उसे नहीं पकड़ पा रही थी।

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परिजनों का कहना है कि मामला अदालत के समक्ष जाता। अगर कोई सबूत नहीं थे, तो उसे आसानी से जमानत मिल जाती। बाद में अदालत उसे बरी भी कर देती। मगर पुलिस ने जल्दबाजी दिखाते हुए, मुकदमा अदालत में जाने से पहले ही सतीश का नाम बाहर कर दिया। लाला ने किया था खून का बदला खून से लेने का दावा

दरअसल, साल 2017 में गांव मुजैड़ी निवासी मनीष की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें भंवरलाल सहित पांच लोगों का नाम आया था। मनीष गांव भुआपुर निवासी लाला का बहनोई था। लाला ने तभी दावा किया था कि वह खून का बदला खून से लेगा। इसी रंजिश में उसने भंवरलाल की हत्या की। मगर अब जिस तरह वह फरार चल रहा है, उससे अनुमान है कि मनीष हत्याकांड में जिन लोगों के नाम थे, उनमें से कोई एक उसके निशाने पर है। पुलिस को भी यह बात अच्छी तरह मालूम है। इसके बावजूद सतीश को बिना गिरफ्तार किए मुकदमे से बाहर करना भंवरलाल के परिजनों के गले नहीं उतर रहा है।

बस टिकट, धर्मशाला की पर्ची के आधार पर किया नाम बाहर

सतीश का नाम मुकदमे में से निकालने के लिए पुलिस ने उसके हत्या के वक्त हरिद्वार में मौजूद होने को आधार बनाया। इसके लिए हरिद्वार तक बस की टिकट, वहां धर्मशाला में ठहरने की पर्ची सबूत के तौर पर इस्तेमाल की गई। जबकि पुलिस ने शुरू में जानकारी दी थी कि हत्या से पहले रात 12 बजे सतीश के पास लाला की कॉल आई थी। इसकी जानकारी दोनों की कॉल डिटेल से मिलती है। इसके तुरंत बाद सतीश हरिद्वार के लिए रवाना हुआ था। यानि सबकुछ प्री-प्लांड था और सतीश के पास सुबह भंवरलाल की हत्या होने की जानकारी पहले से थी। इसलिए वह रात में ही हरिद्वार के लिए रवाना हुआ। उस कॉल डिटेल के आधार पर ही पुलिस ने उसे 120बी का आरोपित बनाया था। किसी को क्लीनचिट दी गई है तो इसमें पहले जांच की गई होगी। फिर भी मामले की दोबारा जांच की गुंजाइश हमेशा रहती है।

-केके राव, पुलिस आयुक्त


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