मेले में तैनात पुलिसकर्मियों की फौज, शहर में बदमाशों की मौज
अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले की सुरक्षा में जिले से पुलिसकर्मियों की फौज लगाए जाने से शहर में बदमाशों की मौज हो गई है। मेले में ड्यूटी के चलते इस समय लगभग हर थाना व चौकी में नफरी कम है। इससे रात्रि गश्त व नाकाबंदी प्रभावित हो रही है। थाना चौकियों के अलावा हर क्राइम ब्रांच से भी कम से कम तीन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी मेले में लगी है। सामान्य दिनों में दो क्राइम ब्रांचों की ड्यूटी मेले में लगती है। वहीं शनिवार और रविवार को चार क्राइम ब्रांच ड्यूटी पर होती हैं। इसका असर शहर में झपटमारी व लूट की वारदातें बढ़ने के रूप दिखाई दे रहा है। इसके अलावा मामलों की जांच भी प्रभावित हो रही है। पिछले कुछ दिनं में वाहन चोरी व घरों में चोरी की वारदातों में भी वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले दो दिन में लूट की तीन वारदातें सामने आईं।
हरेंद्र नागर, फरीदाबाद : अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले की सुरक्षा में जिले से पुलिसकर्मियों की फौज लगाए जाने से शहर में बदमाशों की मौज हो गई है। मेले में ड्यूटी के चलते इस समय लगभग हर थाना व चौकी में नफरी कम है। इससे रात्रि गश्त व नाकाबंदी प्रभावित हो रही है। थाना चौकियों के अलावा हर क्राइम ब्रांच से भी कम से कम तीन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी मेले में लगी है। सामान्य दिनों में दो क्राइम ब्रांचों की ड्यूटी मेले में लगती है। वहीं शनिवार और रविवार को चार क्राइम ब्रांच ड्यूटी पर होती हैं। इसका असर शहर में झपटमारी व लूट की वारदातें बढ़ने के रूप दिखाई दे रहा है। इसके अलावा मामलों की जांच भी प्रभावित हो रही है। पिछले कुछ दिनों में वाहन चोरी व घरों में चोरी की वारदातों में भी वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले दो दिन में लूट की तीन वारदातें सामने आईं। 1 फरवरी से अब तक हुई वारदातें :
लूट : 2
झपटमारी : 22
घरों में चोरी : औसतन पांच वारदातें रोजाना
वाहन चोरी : औसतन चार वारदातें रोजाना मेले में तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या
डीसीपी, एसीपी, इंस्पेक्टर, थानेदार, सिपाही
फरीदाबाद से : 1, 6, 25, 200, 900,
दूसरे जिलों से : 0, 7, 20, 105, 386 पुलिस को बदलनी होगी रणनीति
सेवानिवृत डीजीपी के कोशी का कहना है कि वे पूरी स्थिति से वाकिफ नहीं हैं, इसलिए ज्यादा टिप्पणी नहीं कर सकते। फिर भी यह कहेंगे कि फिलहाल सुरक्षा में ज्यादातर पुलिसकर्मी फरीदाबाद से ही लगाए जाते हैं। पहले ही नफरी की कमी से जूझ रहे थाना चौकियों में और कमी हो जाती है। यह मेला केवल फरीदाबाद का नहीं है, बल्कि पूरे देश का है। ऐसे में सुरक्षा के लिए अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की जा सकती है। इससे स्थानीय पुलिस का काम ज्यादा प्रभावित नहीं होगा। वहीं एक अन्य सेवानिवृत अधिकारी का कहना है कि जरूरत है कि मेले की सुरक्षा के लिए ज्यादा से ज्यादा पुलिस दूसरे जिलों से मंगवाई जाए। अगर नजदीकी जिलों से 500-500 पुलिसकर्मी भी बुला लिए जाएंगे तो उन जिलों में भी नफरी की कमी नहीं होगी और मेले के लिए पर्याप्त नफरी उपलब्ध होगी। मेले के दौरान फरीदाबाद की पुलिस को रिजर्व में रखा जाए। इस बार यह महसूस किया गया कि फरीदाबाद से कम से कम पुलिसकर्मी मेले में लगाए जाएं। भविष्य के लिए अन्य विकल्पों पर गौर किया जाएगा।
-सूबे ¨सह, प्रवक्ता, फरीदाबाद पुलिस