घरेलू सहायिका ने आफत में डाली बुजुर्ग दंपती की जान
फरीदाबाद बिना वैरिफिकेशन के रखी गई घरेलू सहायिका ने सेक्टर-31 में चड्ढा परिवार की जान आफत में डाल दी। सहायिका दो दिन से परिवार के सदस्यों को खाने में नशीली दवा मिलाकर खिला रही थी उसका इरादा परिवार को सुलाकर लूटपाट का था मगर वह लूट में सफल नहीं हो पाई। बृहस्पतिवार को बुजुर्ग चड्ढा दंपती की हालत ज्यादा खराब हुई तो परिवार को संदेह हुआ तभी से सहायिका भी फरार है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : बिना सत्यापन के रखी गई घरेलू सहायिका ने सेक्टर-31 में चड्ढा परिवार की जान आफत में डाल दी। सहायिका दो दिन से परिवार के सदस्यों को खाने में नशीली दवा मिलाकर खिला रही थी, उसका इरादा परिवार को सुलाकर लूटपाट का था, मगर वह लूट में सफल नहीं हो पाई। बृहस्पतिवार को बुजुर्ग चड्ढा दंपती की हालत ज्यादा खराब हुई तो परिवार को संदेह हुआ, तभी से सहायिका भी फरार है। फिलहाल दंपती का इलाज एस्कोर्ट्स फोर्टिस अस्पताल में चल रहा है। मामले की सूचना सेक्टर-31 थाना पुलिस को मिली है, मगर परिवार के बयान दर्ज ना होने से मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट से एडमिन रजिस्ट्रार के पद से सेवानिवृत 75 वर्षीय कृष्ण कुमार चड्ढा सेक्टर-31 में परिवार संग रहते हैं। परिवार में उनकी पत्नी 65 वर्षीय किरण चड्ढा, बेटा सुमित, पुत्रवधु शीतल और साढ़े तीन वर्षीय पौत्र अवीर हैं। सुमित गुरुग्राम स्थित एक अस्पताल में अधिकारी हैं, जबकि शीतल फरीदाबाद के एक होटल में एचआर हेड हैं। शीतल ने बताया कि उनकी नियमित घरेलू सहायिका छुट्टी लेकर गई हुई है। ऐसे में उन्हें सहायिका की जरूरत थी। 8 जुलाई को सेक्टर में प्रेस करने वाली महिला ने एक युवती की सिफारिश घरेलू सहायिका के लिए की। चड्ढा परिवार ने उसे रख लिया। युवती ने अपना नाम सुनीता बताया।
शीतल के अनुसार 10 जुलाई सुबह जब वह सोकर उठी तो उन्हें चक्कर आ रहे थे, पति सुमित व बेटे अवीर को भी चक्कर आ रहे थे। उन्हें लगा कि रात खाने में कुछ खराबी होगी। तभी उन्हें सास किरण चड्ढा ने बताया कि ससुर कृष्ण चड्ढा बाथरूम में गिर पड़े हैं। उन्होंने किसी तरह उन्हें बेड पर लिटाया। उन्होंने पास में ही रहने वाली अपनी एक रिश्तेदार को बुला लिया। किसी तरह उन्होंने खुद को संभाल लिया। 11 जुलाई को सुबह सुमित व शीतल ड्यूटी चले गए, वहीं अवीर स्कूल चला गया। घर पर बुजुर्ग चडढा दंपती थी। दिन में घरेलू सहायिका आई। उसने खाना बनाया। खाना खाते ही दोनों की तबीयत खराब होने लगी। कृष्ण कुमार बेहोश हो गए, वहीं किरण को भी चक्कर आ रहे थे। अपनी तबीयत बिगड़ती देख किरण ने मालवीय नगर दिल्ली में रहने वाली अपनी बेटी को फोन कर दिया। वह पति को लेकर करीब पौने घंटे में घर पहुंची। यहां कृष्ण कुमार व किरण बेहोश पड़े थे। उन्होंने तुरंत भाई व भाभी को फोन किया। आइसीयू में हैं दंपती
कृष्ण कुमार व किरण को एस्कोर्ट्स फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया। कृष्ण कुमार आइसीयू में हैं, जबकि किरण की हालत अब खतरे से बाहर है। परिवार ने अभी घर से किसी सामान के गायब होने की जानकारी नहीं दी है। घटना के बाद से परिवार सदमे में है और ज्यादा बातचीत की स्थिति में नहीं है। वहीं इसके बाद से घरेलू सहायिका का भी कुछ पता नहीं है। पुलिस का अनुमान है कि बेहोश होने से पहले किरण ने बेटी को फोन कर दिया था, हो सकता है घरेलू सहायिका इसी वजह से बिना लूट किए, घर से निकल गई। अस्पताल से मामले की सूचना मिली है, मगर अभी परिवार के किसी भी सदस्य ने बयान नहीं दिया है, ऐसे में मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सका है। मामले की जांच शुरू कर दी है। आस-पास घरों में सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। आरोपित घरेलू सहायिका को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
-दीपचंद, प्रभारी, सेक्टर-31 थाना