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दृश्य की पुनरावृत्ति से सुलझेगी मौत की गुत्थी!

बिजेंद्र बंसल, फरीदाबाद इंस्पेक्टर अमित की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब पूजा तिवारी की मौत के पूरे

By Edited By: Published: Fri, 06 May 2016 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 06 May 2016 01:01 AM (IST)
दृश्य की पुनरावृत्ति से सुलझेगी मौत की गुत्थी!

बिजेंद्र बंसल, फरीदाबाद

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इंस्पेक्टर अमित की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब पूजा तिवारी की मौत के पूरे दृश्य की पुनरावृति (सीन रि-क्रियेट) करेगी। इसके बाद यह स्पष्ट हो पाएगा कि पूजा ने आत्महत्या की है, उसकी हत्या की गई है। असल में पूजा के सेक्टर-46 स्थित सद्भावना अपार्टमेंट से गिरकर मरने के बाद जो सवाल उठे हैं उनमें एक यह भी है कि पूजा यदि खुद पांचवीं मंजिल से कूदती तो ग्रिल से काफी दूर जाकर गिरती। वह तो ठीक ऐसे ही नीचे गिरी जैसे ग्रिल पर सुखाई गई चादर नीचे जमीन पर सरक गई हो। इसके अलावा अमित ने उसे गिरते समय कितनी मजबूती से पकड़ा या नहीं। उस समय वह भी गुस्से में था या नहीं। पुलिस अमित के साथ ही दृश्य की पुनरावृति कराएगी। इसके लिए पुलिस अदालत से इंस्पेक्टर अमित की हिरासत मांगेगी।

पुलिस भी अब इस मामले में तीन पहलुओं पर जांच कर रही है कि पूजा ने आत्महत्या की है, उसकी हत्या हुई है या फिर उसकी हत्या की साजिश रची गई है। पुलिस ने घटना से पहले पूजा और भरत गुप्ता के बीच ऑडियो क्लिप में अमित को पूजा को तंग करने का आरोपी माना है। पुलिस में रहे पूर्व जांच विशेषज्ञ मानते हैं कि आत्महत्या अचानक लिया गया निर्णय होता है और पूजा पर मौत से पहले अमित का शक हावी था। तभी उसने दो बार चीखकर कहा था कि बंकी इज दा टॉपिक।

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जिसे सबसे ज्यादा प्यार करती थी उसने भी नहीं किया विश्वास

पुलिस के विशेषज्ञ मानते हैं कि आत्महत्या बेशक अचानक लिया गया निर्णय होता है मगर इसके लिए कारण एक नहीं कई भी हो सकते हैं। कई बार आत्महत्या का सबसे बड़ा कारण वही होता है जो सबसे बाद में बना हो। पूजा को पुलिस इंस्पेक्टर अमित ने भी सही वक्त पर प्यार नहीं दिया। अमित एक पुलिस इंस्पेक्टर होने के नाते भी पूजा के तनाव को ज्यादा बेहतर ढंग से समझ सकता था। यदि वह पूजा पर उसके दोस्त बंकी को लेकर शक नहीं करता तो भी अवसाद बढ़ने का कारण नहीं बनता।

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पत्रकार पूजा की मौत के मामले में जांच कर रही पुलिस पर सवाल उठेंगे क्योंकि इस प्रारंभिक जांच में कई चूक हुई हैं। मेरा मानना है कि घटना के चश्मदीद पुलिस इंस्पेक्टर अमित और दूसरी पत्रकार आमरीन को शुरू से ही जांच के दायरे में रखना चाहिए था। इसके अलावा जांच कर रहे अधिकारियों ने पूजा के एनआइटी पांच नंबर और सेक्टर-46 सद्भावना अपार्टमेंट के फ्लैट की मौके के तुरंत बाद जांच कर सारा सामान सील करना चाहिए था। ऐसे मामलों में जब कई सवाल खड़े हों तो घटना की पुनरावृति का दृश्य (सीन रिक्रियेट) करवाकर देखा जा सकता है। इससे बहुत सारे तथ्य एकदम स्पष्ट हो जाते हैं। गिरने के बाद पूजा कितनी दूर गिरी, उसमें कितना वजन था। इतने ही वजन की दूसरी महिला की डमी को वैसे ही कपड़े पहनाकर ग्रिल से छोड़ा जाए तो वह कितनी दूर गिरती है। इसके अलावा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गिरकर लगने की चोट से अलग कोई चोट तो नहीं आई। पुलिस को इस मामले में अपनी साख बचाने के लिए बहुत ही संभलकर तथ्यात्मक और सामूहिक अधिकारियों से जांच करानी चाहिए।

-प्रेम ¨सह, सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर,

हरियाणा पुलिस।

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पुलिस से चूक नहीं हुई

पुलिस ने पूजा के माता-पिता के बयान पर एफआइआर दर्ज की थी। इसके अलावा अमित मौके से भागा नहीं। इसलिए उस पर शक नहीं हुआ। हां, उसने मौके से पूजा का बैग व अन्य सामान गायब किया होगा तभी यह सुसाइड नोट उसके पास आया। हम सुसाइड नोट की सत्यता की जांच कर रहे हैं क्योंकि पूजा के कई मित्रों ने बताया कि वह पेपरलेस वर्क करने वाली पत्रकार थी। अमित को फिलहाल पूजा के माता-पिता के आज दर्ज कराए बयान के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। उसे शुक्रवार अदालत में पेश किया जाएगा और जांच के लिए पुलिस हिरासत की मांग की जाएगी।

- डॉ. हनीफ कुरैशी, पुलिस आयुक्त।


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