मेले के दौरान रात तक खुलेगा सूरजकुंड
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले के दौरान ऐतिहासिक सूरजकुंड (सरोवर)
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद :
सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले के दौरान ऐतिहासिक सूरजकुंड (सरोवर) भी रात 8.30 बजे तक दर्शकों के लिए खुला रहेगा। इसके लिए पुरातत्व विभाग ने मंजूरी दे दी है। साथ ही पर्यटन विभाग मेले के लिए कुंड को संवारेगा भी। दैनिक जागरण ने बीते साल इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया था।
हर साल 1 से 15 फरवरी के दौरान लगने वाले अंतरराष्ट्रीय मेले के दौरान पर्यटन निगम की ओर से कुंड की पूरी तरह से अनदेखी की जाती थी। कुंड के सामने ही मेला परिसर में रौनक लगी रहती थी, मगर जिस कुंड के नाम पर मेले का आयोजन किया जाता है, वह बेरौनक ही रहता था। बीते साल साल 31 जनवरी को सूरजकुंड मेले को लेकर आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान दैनिक जागरण ने कुंड की अनदेखी का मुद्दा उठाया था, जिस पर पर्यटन विभाग की प्रबंध निदेशक सुमिता मिश्रा ने इसकी ओर भी ध्यान देने का आश्वासन दिया था। इस बार उस पर अमल करते हुए पर्यटन विभाग ने पुरातत्व विभाग को पत्र लिखकर सूरजकुंड को मेले के साथ रात 8.30 बजे तक खोलने तथा इसे मेले के साथ सजाने संवारने की अनुमति मांगी थी। पुरातत्व विभाग ने इसकी अनुमति दे दी है। अनुमति मिलने के बाद पर्यटन विभाग कुंड को भी संवारने की तैयारियों में जुट गया है।
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कुंड का इतिहास
दसवीं शताब्दी में तोमर राजा सूरजपाल ने सूरजकुंड का निर्माण कराया था। सूरजकुंड रोमन रंगमंडल के आकार में बना उस काल की शिल्पकला का एक बेजोड़ नमूना है। इसका आकार उगते हुए सूर्य के समान है। इसके वैभव का अहसास अर्ध चंद्राकार में बनी सीढि़यों से होता है। हरियाणा पर्यटन निगम ने 29 साल पहले यहां मेला लगाने की शुरुआत की थी, जो अब अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर चुका है। सूरजकुंड के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए पुरातत्व विभाग ने इसे संरक्षित इमारत घोषित किया हुआ है।