भूमि अधिग्रहण का ग्रामीणों ने किया विरोध, प्रस्ताव रद करने की मांग
गांव नीमड़ बडेसरा के ग्रामीणों ने गांव में निर्मित होने वाली 105 कर
संवाद सहयोगी, बाढड़ा : गांव नीमड़ बडेसरा के ग्रामीणों ने गांव में निर्मित होने वाली 105 करोड़ की मेगा पेयजल भंडारण परियोजना के लिए 40 एकड़ पंचायती जमीन देने के विरोध में मंगलवार को एसडीएम के माध्यम से जिला उपायुक्त को मांगपत्र भेजा। ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत के प्रस्तावना को भी रद करने की मांग करते हुए इसे एकतरफा बताया। इस भूमि पर हजारों हरे पेड़ होने का हवाला देते हुए इसे दूसरे गांव में शिफ्ट करने की मांग की।
प्रदेश सरकार ने दक्षिणी हरियाणा के गहराते भूमिगत जलस्तर को देखते हुए बड़ी-बड़ी नहरों के समीप तीन से पांच दर्जन गांवों के लिए एक सामूहिक पेयजल भंडारण केंद्र निर्मित करने पर कार्य आरंभ किया है। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 में ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पर गांव से गुजरने वाली लोहारू नहर के समीप चालीस एकड़ पंचायती भूमि पर योजना के लिए एस्टीमेट को स्वीकृति दी है। तीन माह पूर्व जनस्वास्थ्य विभाग ने इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए 105 करोड़ की राशि के बजट को स्वीकृति भी दी लेकिन प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को एसडीएम डा. विरेन्द्र सिंह के माध्यम से जिला उपायुक्त को ज्ञापन भेजकर चयनित भूमि को रद करने की मांग की।
पंच पूनम देवी, पंच कांता देवी, रामनिवास, रामबीर सिंह, धर्मचंद, सुरेश कुमार, सुभाष, करतार सिंह, छाजुराम, वेदचंद, उमेद सिंह, चंद्रभान, सोनू ओमप्रकाश इत्यादि ने बताया कि ग्राम पंचायत के मुखिया ने चौकीदार या गांव के किसी व्यक्ति की सहमति के बिना वर्ष 2018 में रातों-रात एक प्रस्ताव पारित कर प्रदेश सरकार को यह भूमि देने का एलान कर दिया। उन्होंने बताया कि यह गो चरान भूमि है तथा इस समय इस पर हजारों हरे वृक्ष खड़े हैं। इसी भूमि पर एक धार्मिक स्थल भी है। इसीलिए इस पर परियोजना को किसी सूरत में संचालन नहीं करने दिया जाएगा। एसडीएम ने ग्रामीणों को आश्वसत किया कि उनकी मांग को उपायुक्त कार्यालय में भिजवाया जाएगा। पांच गांवों के लिए जीवनदायिनी है योजना
क्षेत्र के चार दर्जन गांवों को मिलेगी पेयजल सुविधा जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा गांव निमड़ बडेसरा में प्रस्तावित 105 करोड़ की परियोजना क्षेत्र के पांच गांवों के लिए जीवनदायिनी साबित होने वाली है। इससे इन गांवों में अब भूमिगत जलस्तर के कम गुणवत्तायुक्त पानी के प्रयोग से निजात मिलेगी। लेकिन ग्रामीणों के विरोध के कारण यह योजना खटाई में पड़ सकती है। मौजूदा समय में यहां पर पेयजल योजना संचालित होगी तो गांव के क्षेत्र में भूमिगत जलस्तर ऊंचा होगा तथा युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। ग्रामीणों की सहमति से बनेगी योजना
गांव निमड़ बडेसरा के सरपंच प्रतिनिधि सतबीर सिंह मलिक ने बताया कि गांव में यह परियोजना लाने के लिए ग्राम पंचायत ने सबसे पहले पंचायत आयोजित कर सबसे सलाह मशवरा व सहमति के आधार पर गांव के शामलाती भूमि के जोहड़ में पेयजल भंडारण केंद्र निर्माण प्रस्ताव पारित किया था। अभी तक तो जनस्वास्थ्य विभाग ने जमीन हस्तांतरित भी नहीं करवाई है। अगर ग्रामीणों को एतराज है तो वह इस पर दोबारा मिल बैठकर निर्णय ले सकते हैं।