Move to Jagran APP

गांव कमोद व बाढड़ा इंद्रधनुष योजना में शामिल

सचिन गुप्ता चरखी दादरी प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई 7 स्टार इंद्रधनुष योजना में विभिन्न स

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Aug 2019 11:40 PM (IST)Updated: Wed, 14 Aug 2019 06:34 AM (IST)
गांव कमोद व बाढड़ा इंद्रधनुष योजना में शामिल
गांव कमोद व बाढड़ा इंद्रधनुष योजना में शामिल

सचिन गुप्ता, चरखी दादरी :

loksabha election banner

प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई 7 स्टार इंद्रधनुष योजना में विभिन्न सामाजिक मानकों पर खरा उतरते हुए दादरी जिले की दो ग्राम पंचायतों ने 6 स्टार हासिल किए हैं, जिसमें बौंद कलां खंड के गांव कमोद तथा बाढड़ा खंड के गांव बाढड़ा शामिल हैं। इंद्रधनुष योजना में भाग लेने के लिए पूरे प्रदेश की 5279 का नामांकन किया गया था। इसमें से महज 20 ग्राम पंचायतों को ही 6 स्टार मिले हैं, जिसमें अकेले दादरी जिले से दो ग्राम पंचायतें शामिल है। दादरी जिले की दोनों ग्राम पंचायतें 7 स्टार लेने के बिल्कुल नजदीक थी। लेकिन गांव कमोद में लिगानुपात कम होने के कारण 7 स्टार नहीं मिल सके। इसी तरह से बाढड़ा में पिछले वर्ष एक महिला की मौत के कारण शांति और सदभाव के तहत स्टार नहीं मिल सका। मंगलवार को गांव कमोद के सरपंच सुदर्शन व बाढड़ा के सरपंच राकेश को 6 स्टार लेने पर रोहतक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर द्वारा सम्मानित किया गया। इसके अलावा दादरी जिले के गांव सिरसली व रामनगर-कपूरी ने इस योजना के तहत 5 स्टार प्राप्त किए हैं। साथ ही जिले की आधा दर्जन ग्राम पंचायतों ने 4 स्टार, 23 ग्राम पंचायतों ने 3 स्टार, 11 ग्राम पंचायतों ने दो तथा दो ग्राम पंचायतों ने एक-एक स्टार प्राप्त किया है। इंद्रधनुष योजना में दादरी जिले की 166 ग्राम पंचायतों में से 46 द्वारा स्टार हासिल से यह भी साफ है कि सामाजिक मानकों को आधार मानते हुए ग्राम पंचायतें अब कुरीतियों को मिटाते हुए विकास की दौड़ में शामिल हो रही हैं।

------------

ये है योजना में रेटिग का पैमाना

1. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत लिगानुपात में सुधार।

2. हर बच्चा स्कूल जाए तथा स्कूलों में बेहतर शिक्षा प्रदान करना।

3. स्वच्छता अभियान को सफल बनाना, सार्वजनिक शौचालयों का रखरखाव, इत्यादि।

4. गांवों में शांति एवं सदभाव बनाए रखना।

5. पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करना।

6. गांवों में सुशासन की व्यवस्था।

7. सामाजिक भागीदारी।

----------

2014-15 में कम था कमोद में लिगानुपात : सुदर्शन

गांव कमोद के सरपंच सुदर्शन ने बताया कि गांव में वर्ष 2014-15 में लिगानुपात काफी कम था। उसके बाद से ही पंचायत द्वारा लिगानुपात में सुधार के लिए कार्य किए जा रहे हैं, जिसमें घरों के आगे सम्मान स्वरूप बेटियों के नाम से प्लेट लगाई गई हैं। इसके अलावा से कार्य भी किए गए हैं।

- गांव में एंट्री करते समय पंचायत की जमीन में पानी भरा रहता था। अब उस पानी की निकासी का प्रबंध कर वहां पर पार्क का निर्माण करवाया गया।

- स्कूल के पास भी कचरा फैला रहता था। वहां पर सफाई करवा कर, चारदीवारी का निर्माण कर पार्क बनवाया गया।

- पर्यावरण संरक्षण के लिए बेटियों व उनके अभिभावकों को एक पौधा गोद देते हैं। वो परिवार ही पौधे का पालन-पोषण करता है।

- मंदिर के रास्ते पर कीचड़ जमा रहता था। अब उस सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है।

- गांव में कहीं पर भी सड़कों पर कीचड़ की समस्या नहीं है।

- गांवों में यदि कोई विवाद हो जाता है तो उसे पंचायत के स्तर पर ही निपटाने का प्रयास किया जाता है।

- सभी ग्रामीणों को साथ लेकर ग्राम पंचायत द्वारा विकास कार्य करवाए जाते है।

- जलशक्ति अभियान के तहत जिले का पहला सोखता गड्ढा भी गांव में बनवाया गया।

------------

इस बार एक स्टार बढ़ा : राकेश

बाढड़ा के सरपंच राकेश ने बताया कि पिछली बार ग्राम पंचायत को 5 स्टार मिले थे, लेकिन इस बार ग्रामीणों, व्यापारियों के सहयोग से पंचायत को 6 स्टार मिले हैं।

ये कार्य करवाए जा रहे हैं बाढड़ा में :

- स्कूलों में ड्राप आउट कम करने के लिए भजन मंडलियों द्वारा गांव में नुक्कड़ों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

- बाढड़ा के मेन बाजार में डिवाइडर पर पौधे व स्टील की जालियां लगवाई गईं।

- ग्राम पंचायत व व्यापारियों के सहयोग से 10 चौकीदार व 10 सफाई कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है।

- गांव में केवल महिलाओं, बेटियों के लिए 25 सार्वजनिक शौचालय बनवाए गए, जिन्हें बेटी सम्मान स्थल का नाम दिया गया।

- गांव के दूषित पानी को एक जगह एकत्रित कर उसे फिल्टर कर खेती में इस्तेमाल किया जाता है।

- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, स्वच्छता अभियान व देशभक्ति से संबंधित स्लोगन गांव में लिखवाए गए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.