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जांबाज सैनिकों को नमन करने स्वर्णिम विजय ज्योति पहुंची दादरी

जागरण संवाददाता चरखी दादरी विजय ज्योति को नमन करते हुए दादरी के जांबाज सैनिकों को

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 07:14 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 07:14 AM (IST)
जांबाज सैनिकों को नमन करने स्वर्णिम विजय ज्योति पहुंची दादरी

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : विजय ज्योति को नमन करते हुए दादरी के जांबाज सैनिकों को वर्ष 1971 की फिर वहीं यादें ताजा हो गईं, जब वे सीमा पर पाकिस्तान की सेना से जूझ रहे थे। आज से पचास साल पहले हुए इस युद्घ में दादरी जिला के सैंकड़ों वीर जवानों ने अपने शौर्य एवं अदम्य साहस का परिचय दिया था। पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत के पचास साल पूरे होने के उपलक्ष्य में थल सेना के वीर जवान स्वर्णिम विजय वर्ष ज्योति को सोमवार को दादरी लेकर आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल वार मेमोरियल दिल्ली से गत 16 दिसंबर विजय दिवस के अवसर पर यह स्वर्णिम विजय ज्योति सेना को सौंपी थी। अब इसे 16 दिसंबर तक देश के विभिन्न भागों में ले जाया जा रहा है। दादरी में विजय ज्योति को सबसे पहले गांव खेड़ी बूरा ले जाया गया। जहां वीर चक्र पदक विजेता लेफ्टिनेंट स्व. खजान सिंह की पत्नी संतरा देवी को सम्मानित किया गया। इसके अलावा दादरी रोजगार्डन में शहीद स्मारक पर इस गौरवशाली ज्योति को प्रज्जवलित कर दादरी के अमर जवानों को श्रद्घाजंलि अर्पित की गई। रोजगार्डन में दादरी के पदक विजेताओं तथा वीरांगनाओं को सेना अधिकारियों ने स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। सेना अधिकारियों ने पूर्व सैनिकों और शहीद विधवाओं से बातचीत कर उनका हालचाल जाना।

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सैनिक बोर्ड ने किया स्वागत

दादरी शहर के रावमावि, सैनिक बोर्ड, ईसीएचएस अस्पताल और सैनिक कैंटीन में भी इस विजय ज्योति का पूरे जोश के साथ पूर्व सैनिकों व नागरिकों ने स्वागत किया। गांव खेड़ी बूरा में सेना के अधिकारियों ने कहा कि गांव खेड़ीबूरा के लिए आज काफी गौरव का दिन है, जब गांव के ही वीर चक्र विजेता खजान सिंह की वीरांगना पत्नी को सम्मानित किया जा रहा है।

6 दिसंबर 1971 को 12 टैंक किए तहत-नहस

पाकिस्तान के साथ 1971 की लड़ाई में 6 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर के छांब जोडिया इलाके में दुश्मन के 12 टैंकों ने भारतीय मोर्चों को तहस-नहस करना शुरू कर दिया था। उस समय रूस से प्रशिक्षण लेकर आए खजान सिंह ने एंटी टैंक मिसाईल दाग कर तीन पाकिस्तानी टैंकों को ध्वस्त कर दिया था। जिससे पाकिस्तानी सेना में भगदड़ मच गई थी। उनके साथ लांस नायक इक्का इस हमले में शहीद हो गए थे। सेना ने शहीद इक्का को महावीर चक्र व खजान सिंह को वीर चक्र से सम्मानित किया था। गांव खेड़ी बूरा में सुखलाल व मोहरली देवी के घर 15 मार्च 1944 को खजानसिंह का जन्म हुआ और वर्ष 1988 में उनका निधन हुआ था। वे 1963 में सेना में भर्ती हुए थे। सेना अधिकारियों ने बताया कि दादरी का भिवानी के बाद प्रदेश में दूसरा नंबर है, जहां सबसे अधिक सैनिक परिवार रहते हैं।

ये भी रहे मौजूद

विजय ज्योति कार्यक्रमों में सेना अधिकारियों के अलावा रिटायर्ड सूबेदार मेजर दलेर सिंह, रि. कर्नल रणधीर सिंह, ओमप्रकाश सांगवान, युद्धवीर कादयान, सूबेदार मेजर बेगराज, सतबीर सिंह मौड़ी, सूबेदार ध्यानसिंह, धर्मवीर, मायादेवी, देवकला, वेद कौर, भानकौर, प्रेम, किताबो कौर, छोटा देवी, रिसाला देवी, रिपी फौगाट, मुकेश भारद्वाज, उमेद पातुवास, जिला सैनिक बोर्ड से सतबीर सिंह, जगमाल सिंह, कर्मवीर इत्यादि उपस्थित रहे।


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