Remote से तौल में गड़बड़ी, पेड़ से बांधकर दो मजदूरों से पूछताछ का Video viral
किसानों की फसल खेत में खरीदने का झांसा देकर रिमोट कंट्रोल से तौल में गड़बड़ी करने वाले गिरोह के दो मजदूर किसान ने पकड़ लिए और पेड़ से बांधकर पूछताछ की।
लोहारू [एमके शर्मा]। राजस्थान की सीमा से सटे गांवों में इन दिनों किसानों के साथ धोखाधड़ी करके उनकी फसलें खरीदने का एक अंतरराज्यीय गिरोह सक्रिय है। यह गिरोह रिमोट के जरिए तौल में गड़बड़ी कर किसानों से ठगी कर रहा है। ऐसा ही एक गिरोह एक किसान परिवार के हत्थे चढ़ा। गिरोह के अन्य सदस्य तो भाग गए, लेकिन दो मजबूर किसानों ने काबू कर लिए। उन्हें किसानों ने पेड़ से बांधा और पूछताछ की। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि वह रिमोट से कांटेे के कंट्रोल कर किसानों को धोखा देते हैं। यह वीडियो वायरल हो रही है। बताया जा रहा है कि वीडियो आजमपुर-भावठड़ी के खेतों की है।
वायरल वीडियो में गत दिनों भावठड़ी-आजमपुर के बीच एक किसान परिवार के साथ खेत में लगाए गए कांटा मशीन को रिमोट से कंट्रोल करने का मामला सामने आया है। किसान ने शक होने पर रिमोट से कांटे को कंट्रोल कर रहे एक कारिंदे को पकड़कर सख्ती से पूछताछ की। वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा है कि फसल खरीदने आए लोग व पिकअप चालक गाड़ी को मौके पर ही छोड़कर भाग गए, लेकिन दो कारिंदे किसानों के हत्थे चढ़ गए। पल्लेदारी का काम करने वाले इन मजदूरों को पेड़ से बांधकर पूछताछ की गई तो उन्होंने सब कुछ उगल दिया। पकड़े गए दोनों कारिंदे राजस्थान के जोधपुर की ओर के बताए गए हैं। किसान परिवार ने ही वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला है। ऐसा ही मामला बरालू गांव के आसपास भी सुनने को मिला है।
यूं चलता है पूरा खेल
सरकारी खरीद की ढ़ीली-ढ़ाली प्रक्रिया के चलते जरूरतमंद किसानों ने गेहूं व सरसों आदि की फसलें अपने खेतों में ही बेचनी शुरू कर दी। आर्थिक तंगी व बैंकों के सूद की अदायगी के जाल में फंसे किसानों की मजबूरी का फायदा उठाने के लिए इन दिनों राजस्थान की सीमा से सटे गांवों में कुछ लोगों का गिरोह सक्रिय है। पीड़ित किसानों ने बताया कि इस अंतरराज्यीय गिरोह के सदस्य पिकअप गाड़ी लेकर किसान के खेत में ही उनकी फसल खरीदने पहुंच जाते हैं। गाड़ी में तौल के लिए एक कांटा तथा लोडिंग के लिए पल्लेदार आदि पूरी टीम होती है। ये लोग किसान को सरकारी रेट व नकद रकम देने के ही दावे करते हैं। मजबूर किसान मंडियों में सरकारी खरीद की लंबी प्रक्रिया व एक-एक माह तक भी भुगतान नहीं होने तथा मंडी तक फसल को ढ़ोने आदि की परेशानियों से बचने के फेर में इस गिरोह के जाल में फंस जाते हैं।
छोटे रिमोट से नहीं आते जल्द पकड़ में
किसानों ने बताया कि इसके बाद गिरोह के सदस्य अपना खेल शुरू कर देते हैं। एक कारिंदे के हाथ में छोटा सा रिमोट होता है। गाड़ी के ऑटो लॉक जैसे साइज का यह रिमोट होने के कारण आसानी से कोई शक भी नहीं करता। वैसे भी ये लोग उसे छुपाकर रखते हैं। कांटे पर जैसे ही तौलाई शुरू होती है, तो यह कारिंदा इस रिमोट से इलेक्ट्रॉनिक कांटे को कंट्रोल करता रहता है। इससे प्रति क्विंटल की एक बोरी में 10 से 15 किलो तक के वजन का अंतर होने लगता है।
नहीं है कोई शिकायत
थाना प्रभारी कंवरपाल सिंह ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। न ही उनके पास इस मामले की अभी कोई शिकायत नहीं आई है। मार्केट कमेटी के सचिव मनोज दहिया ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो वे जांच कराएंगे। मार्केट फीस की चोरी नहीं होने देंगे।