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दो ट्रकों में नहीं था ई-रवाना बिल, मालिकों व चालकों पर मामले दर्ज

बगैर ई-रवाना बिल लिए या फिर ई-रवाना में दर्शाई मात्रा से अि

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 06:02 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 06:02 PM (IST)
दो ट्रकों में नहीं था ई-रवाना बिल, मालिकों व चालकों पर मामले दर्ज
दो ट्रकों में नहीं था ई-रवाना बिल, मालिकों व चालकों पर मामले दर्ज

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : बगैर ई-रवाना बिल लिए या फिर ई-रवाना में दर्शाई मात्रा से अधिक निर्माण सामग्री की ट्रांसपोर्टेशन करने वालों के खिलाफ खान एवं भू-विज्ञान विभाग सख्त हो गया है। पहले जहां वाहन में ओवरलोड सामग्री मिलने पर क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण द्वारा वाहन को जब्त कर चालान किया जाता था। वहीं अब खान एवं भू-विज्ञान द्वारा इस प्रकार के मामलों में संबंधित लोगों के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज करवाए जा रहे हैं।

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ताजा मामले में भी खनन अधिकारी की शिकायत पर पुलिस ने तीन ट्रकों के मालिकों व चालकों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। खनन अधिकारी ने बौंद कलां थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि जिला परिवहन अधिकारी की सूचना पर खान एवं भू-विज्ञान विभाग की टीम द्वारा 26 फरवरी को एक ट्रक की जांच की गई थी। ट्रक चालक मौके पर मौजूद न होने के कारण टीम द्वारा वाहन के ई-रवाना की आनलाइन जांच की गई। इस दौरान सामने आया कि खान एवं भूविज्ञान विभाग द्वारा उक्त ट्रक का 15.88 मिट्रिक टन का ई-रवाना जारी किया गया है। जबकि ट्रक में करीब 38 मिट्रिक टन निर्माण सामग्री भरी हुई थी। जिस पर नियमों के अनुसार टीम द्वारा उक्त ट्रक को जब्त कर बौंद कलां थाने में खड़ा करवा दिया गया था।

खनन अधिकारी की शिकायत पर पुलिस ने ट्रक चालक व मालिक के खिलाफ साजिश के तहत ई-रवाना से अधिक मात्रा में खनिज की चोरी करने व कब्जे में रखने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 379 व खनिज विकास एवं विनियमन की धारा 21 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। दो ट्रकों में नहीं था ई-रवाना बिल

खनन अधिकारी ने बौंद कलां थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि टीम द्वारा एक मार्च को एक ट्रक की जांच की गई। ट्रक चालक मौके पर मौजूद न होने पर टीम द्वारा आनलाइन ई-रवाना की जांच की गई। इस दौरान सामने आया कि खान एवं भू-विज्ञान विभाग द्वारा उक्त ट्रक के लिए कोई ई-रवाना जारी ही नहीं किया गया। टीम द्वारा जांच करने पर ट्रक में करीब 49 मिट्रिक टन निर्माण सामग्री भरी हुई थी। जिस पर टीम ने उक्त ट्रक को जब्त कर पार्किंग में खड़ा करवा दिया गया था। इसी प्रकार से खान एवं भू-विज्ञान विभाग की टीम द्वारा 16 मार्च को भी एक ट्रक काबू किया गया था। उक्त ट्रक में भी ई-रवाना बिल नहीं था। जबकि ट्रक में करीब 27 मिट्रिक टन निर्माण सामग्री भरी हुई थी। उक्त ट्रक को भी टीम द्वारा जब्त कर पार्किंग में खड़ा करवा दिया गया था। अब खनन अधिकारी की शिकायत पर पुलिस ने दोनों ट्रकों के मालिकों व चालकों के खिलाफ बिना ई-रवाना के खनिज चोरी करने तथा अपने कब्जे में रखने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 379 व खनिज विकास एवं विनियमन की धारा 21 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। राजस्व का होता है नुकसान

गौरतलब है कि माइनिग व क्रशर जोन से निकलने वाली निर्माण सामग्री पर पांच फीसद की दर से वस्तु एवं सेवा कर, जीएसटी लगाया जाता है। इसके अलावा खनन विभाग को रायल्टी व मिनरल टैक्स के रूप में भी राजस्व प्राप्त होता है। ये सभी टैक्स वाहन के लिए जारी होने वाले ई-रवाना बिल पर लागू होते हैं। लेकिन क्रशर जोन में अधिकांश वाहनों में निर्माण सामग्री निर्धारित क्षमता से दो या तीन गुणा अधिक भर दी जाती है, जबकि ई-रवाना केवल वाहन की निर्धारित क्षमता के अनुसार बनाया जाता है। जिससे सरकार को वाहन में भरी गई अतिरिक्त सामग्री पर लगने वाले जीएसटी व अन्य टैक्स के रूप में मिलने वाले राजस्व का नुकसान होता है।


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