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कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च

फोटो 17 सीडीआर 456 जेपीजी में है। - खाप फौगाट उन्नीस के प्रधान ने किया ट्रैक्टर मार्च

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 06:30 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 06:30 AM (IST)
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च

फोटो : 17 सीडीआर 4,5,6 जेपीजी में है।

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- खाप फौगाट उन्नीस के प्रधान ने किया ट्रैक्टर मार्च का नेतृत्व -महिलाएं भी ट्रैक्टर चलाकर शरीक हुई मार्च में जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के बीच रविवार को सर्व जातीय खाप व किसान संगठनों की तरफ से दादरी शहर में ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। ट्रैक्टर मार्च का नेतृत्व खाप फौगाट उन्नीस के प्रधान बलवंत फौगाट ने किया। इस दौरान हजारों की संख्या में लोग ट्रैक्टरों पर सवार होकर मार्च में शामिल हुए।

दादरी शहर की विभिन्न मुख्य सड़कों पर रविवार को कई घंटों तक केवल ट्रैक्टर ही ट्रैक्टर दिखाई दे रहे थे। सुबह से ही किसान ट्रैक्टरों पर सवार होकर दादरी के हुडा ग्राउंड में पहुंचना शुरू हो गए थे। हर तरफ से ट्रैक्टरों का लंबा काफिला दिखाई दे रहा था। काफी संख्या में महिलाएं भी ट्रैक्टर चलाकर पहुंची। सुबह करीब साढ़े 11 बजे तक हुडा ग्राउंड ट्रैक्टरों से खचाखच भर गया था। सभी ट्रैक्टरों पर संयुक्त किसान मोर्चा के झंडे लगे हुए थे।

दोपहर 12 बजे किसानों ने ट्रैक्टरों पर सवार होकर जोरदार नारेबाजी के साथ ट्रैक्टर मार्च शुरू किया। ट्रैक्टर मार्च दादरी के लोहारू चौक, बस स्टैंड, भगवान परशुराम चौक, लाला लाजपतराय चौक, दिल्ली रोड, ढाणी फाटक, कालेज रोड, महेंद्रगढ़ चुंगी, झज्जर घाटी, सरदार झाडू सिंह चौक, भगवान परशुराम चौक होते हुए रोहतक रोड स्थित उपायुक्त के कैंप कार्यालय पहुंचे। यहां पर विभिन्न खाप, किसान व सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन उपायुक्त राजेश जोगपाल को सौंपा।

ज्ञापन में किसानों ने कहा कि भारत सरकार ने कोरोना काल के समय जब पूरा देश महामारी से जूझ रहा था उस समय तीन कृषि कानून देश की संसद में पारित करवाए। इन कानूनों के विरुद्ध पिछले 54 दिन से किसान कड़कड़ाती ठंड में दिल्ली में धरने पर बैठे हैं। सरकार बार-बार वार्ता के नाम पर किसानों के सब्र का इम्तिहान ले रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना के समय किसानों ने किसी भी नागरिक को फल, दूध, अनाज व सब्जियों की कमी महसूस नहीं होने दी। उसी दौरान सरकार ने तीन कृषि कानूनों के साथ-साथ पराली जलाने पर एक करोड़ जुर्माना तथा 5 साल सजा का प्रावधान कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है।

रद्द हों तीनों कानून : संगठन

विभिन्न संगठनों द्वारा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन के माध्यम से गुहार लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार का रवैया बेहद उदासीन है। ऐसे में राष्ट्रपति इस मसले में हस्तक्षेप कर इन कानूनों को रद करवाएं। किसानों को एमएसपी की गारंटी दिलवाने के साथ ही बिजली संशोधन अधिनियम 2020 वापिस करवाएं। 26 जनवरी को दिल्ली में कसान परेड करेंगे।

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर नरसिंह डीपीई, शमशेर फौगाट, सुरेश फौगाट, ओमप्रकाश कलकल, राजबीर शास्त्री, नरेश सरपंच, पूर्व विधायक नृपेंद्र मांढी, राजू मान, अजीत सिंह फौगाट, कमलेश भैरवी, कमल प्रधान, रणधीर घिकाड़ा, उमेद पातुवास, राजकुमार घिकाड़ा, रणधीर कुंगड़, नितिन जांघू, प्रीतम चैयरमैन, दिलबाग निमड़ी, जगबीर घसोला, रामकुमार कादयान, कृष्ण फौगाट, निर्मला पांडवान, धर्मेन्द्र छपार, सूरजभान सांगवान, सुरेन्द्र कुब्जानगर, डा. विजय सांगवान मंदोला, रणबीर फौजी, सोनू साहूवास, बलजीत फौगाट, सुशील धानक, रामकुमार सोलंकी, डा. ओमप्रकाश, कृष्णा सांगवान, बीरमति डोहकी, सुनीता, कुलवंत रंगा, देवी सिंह, राजेन्द्र, मनोज, सुरेन्द्र इत्यादि मौजूद रहे।


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