तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर 80 पत्र न्यायालय को भेजे
तीन कृषि कानूनों को रद्द करने व न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की मांग को लेकर तोशाम डाकघर में युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल प्रधान के दिशा-निर्देश पर शनिवार को 80 पत्र उचतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को डाक द्वारा प्रेषित किए।
संवाद सहयोगी, तोशाम : तीन कृषि कानूनों को रद्द करने व न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की मांग को लेकर तोशाम डाकघर में युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल प्रधान के दिशा-निर्देश पर शनिवार को 80 पत्र उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को डाक द्वारा प्रेषित किए। भारत के मुख्य न्यायाधीश से देश के किसानों की हो रही मौतों के प्रति संजीदगी दिखाने की अपील करते हुए युवा कल्याण संगठन ने उच्चतम न्यायालय द्वारा तीनों कृषि कानूनों पर अनिश्चितकालीन रोक का स्वागत करते हुए इन कानूनों को रद्द करने की अपील की। युवा कल्याण संगठन के प्रदेश प्रवक्ता अनिल शेषमां ने कहा भारत को किसान प्रधान देश कहा जाता है किसान दिन-रात देश के लिए काम करते हैं और अनाजों का भंडारण भरने का काम करते हैं। ये तीनों कृषि कानून किसान विरोधी है प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि यह बिल किसानों के हित में है अगर किसानों के हित में हैं तो फिर किसान सड़कों पर क्यों हैं इन बिलों का उद्देश्य भारत की कृषि व्यवस्था को कुछ पूंजी पतियों के हवाले करने का है उन्होंने कहा कि किसान की शक्ति के सामने कोई नहीं टिक सकता भाजपा सरकार को गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए की किसान डर जाएंगे पीछे हट जाएंगे बिलों के रद्द होने तक किसान ने डरेगा नहीं पीछे हटेगा जबकि देश के किसान लगातार तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं और बिना कृषि कानूनों के रद्द करें तथा एमएसपी गारंटी कानून बनाए बगैर आंदोलन को समाप्त नहीं किया जाएगा ऐसे में उत्तम न्यायालय को हस्तक्षेप कर केंद्र सरकार की हठधर्मिता को समाप्त किया जाना चाहिए वह कानूनों को रद्द करके न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बना देने चाहिए इस मौके पर हल्का प्रधान अनिल पंघाल, नरेंद्र लारा, हरदीप टाला, राजू, विकास लाखलान, अजय, सोनू, मिटू, हरज्ञान, संजू, ओंमकार सिंह, सुनील, सुमित, सोनू आदि अनेक युवा कल्याण संगठन के पदाधिकारी मौजूद थे।