Move to Jagran APP

नकली नोट बनाने वाले गिरोह के तीन आरोपित गिरफ्तार, डेढ़ लाख की असली करेंसी और 2548 सफेद कागज मिले

सीआइए पुलिस ने एक ऐसे फर्जी नोट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश कि

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 11:04 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 11:04 AM (IST)
नकली नोट बनाने वाले गिरोह के तीन आरोपित गिरफ्तार, डेढ़ लाख की असली करेंसी और 2548 सफेद कागज मिले
नकली नोट बनाने वाले गिरोह के तीन आरोपित गिरफ्तार, डेढ़ लाख की असली करेंसी और 2548 सफेद कागज मिले

जागरण संवाददाता, भिवानी : सीआइए पुलिस ने एक ऐसे फर्जी नोट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है जिसने जेल में रहते लोगों को ठगने की साजिश रची। ऐसी साजिश कि लोग रातों रात करोड़पति बनाने के चक्कर में इनके जाल में आसानी से फंस जाए। सीआइए पुलिस टीम ने मुंढाल के समीप आपस में झगड़ा कर रहे तीन युवकों को पकड़ कर उनकी गाड़ी की तलाशी ली तो उनके कब्जे से एक लाख 56 हजार 500 रुपये के असली नोटों की गड्डी मिली। साथ ही नोटों के साइज के 2548 सफेद कागज मिले हैं। गड्डी के ऊपर व नीचे के नोट असली थे वह बीच में सफेद कागज लगाए हुए थे। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।

loksabha election banner

सीआइए टीम बुधवार रात को भिवानी-जींद मार्ग पर स्थित मुंढाल चौक पर चे¨कग कर रही थी। इसी दौरान सीआइए पुलिस टीम ने एक कार के पास तीन युवकों को झगड़ा करते हुए देखा। पुलिस ने जब इनसे झगड़े का कारण जाना तो वो युवक सहम गए। पुलिस ने संदेह के आधार पर तीनों को गिरफ्तार किया। तलाशी ली तो गाड़ी में कई बैग ऐसे थे जो नोटों से भरे हुए थे। सीआइए टीम के जांच अधिकारी एएसआइ अनिल कुमार ने बताया कि नरवाना के वार्ड नंबर 23 निवासी विजय, हिसार जिला के गांव पिरावाली निवासी रणजीत व सतनाम को गिरफ्तार किया है। हिसार जेल में बनाई थी तीनों युवकों ने नकली नोटों का धंधा करने की प्ला¨नग

ये तीनों युवक पहले भी हिसार जिला के सदर थाना क्षेत्र में ठगी की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। जिनके चलते ये हिसार जेल में बंद थे। तीनों युवकों ने हिसार जेल में ही नकली नोटों का धंधा किए जाने की प्ला¨नग तैयार की। जेल से बाहर आते ही वह इस काम में लग गए। असली नोटों को नकली कहकर दिखाते थे युवक

ये ठग जिसे भी अपने जाल में फंसाते सबसे पहले उसे सैंपल के नाम पर असली नोटों को नकली कहकर दिखाते और एक नोट चेक करने के लिए भी दे देते थे। नोट असली होता था, इसलिए इनके जाल में फंसने वाले मान बैठता कि ये नोट कहीं भी चल सकते हैं।

अपने गाड़ी पर लगा देते थे फर्जी नंबरों की प्लेट

जाल में फंसाने वाले और पुलिस को गुमराह करने के लिए ये लोग अपनी गाड़ी पर फर्जी नंबरों की टेप लगा लेते थे, ताकि इनके जाल में फंसने वाला व्यक्ति या पुलिस इन्हे नंबर प्लेट के आधार पर पकड़ ना सके। पांच से दस लाख रुपये के नोट बदलने की शर्त रखते

आरोपित जिसे भी अपने जाल में फंसाते उससे कम से कम पांच से दस लाख रुपये बदलने की शर्त रखते थे। साथ ही सामने वाले से उसके असली नोटों के फोटो भी मंगवाते, ताकि इनके साथ किसी तरह की हेराफेरी न हो। अब पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है कि अब तक उन्होंने कितने लोगों को अपने जाल में फंसाया और कितने रुपये की ठगी की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.