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सूरत-ए-हाल : ढाई साल में दादरी जिले से 200 दुधारू पशु चुरा ले गए चोर, पशुपालक ¨चतित

बाढड़ा : बाढड़ा उपमंडल सहित समस्त दक्षिणी हरियाणा में पशु चोर गिरोह ने क्षे˜

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Oct 2018 12:17 AM (IST)Updated: Sat, 20 Oct 2018 12:17 AM (IST)
सूरत-ए-हाल : ढाई साल में दादरी जिले से 200 दुधारू पशु चुरा ले गए चोर, पशुपालक ¨चतित
सूरत-ए-हाल : ढाई साल में दादरी जिले से 200 दुधारू पशु चुरा ले गए चोर, पशुपालक ¨चतित

पवन शर्मा, बाढड़ा : बाढड़ा उपमंडल सहित समस्त दक्षिणी हरियाणा में पशु चोर गिरोह ने क्षेत्र के किसानों व पशुपालकों की नींद उड़ा दी है। पुलिस विभाग के पिछले पौने तीन वर्ष के रिकार्ड पर नजर डाली जाए तो दो सौ से अधिक पशुओं की चोरी हो चुकी है। जिला पुलिस पशु चोरी के पंजीकृत मामलों में 5 फीसदी तक भी चोरों का सुराग नहीं लगा पाई है।

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प्रदेश के नवगठित दादरी जिले में अधिकतर लोगों की आजीविका खेती-बाड़ी व पशुपालन पर टिकी है। लोगों की मुख्य आजीविका का साधन कृषि व पशुपालन है। दुग्ध के उत्पादन से अपनी आजीविका बढ़ाने के उद्देश्य से किसान महंगे दाम के दुधारु पशु पालते हैं। लेकिन उनकी चोरियां होने से उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। सबसे हैरत की बात यह है कि बढ़ती पशु चोरी की घटनाओं पर न तो पुलिस लगाम लगा पा रही है और न ही स्वयं ग्रामीण। जिले की हर सीमा पर पुलिस नाके होने के बावजूद पशु चोर घटनाओं को अंजाम देकर भाग निकलते हैं। आरटीआइ से हुआ खुलासा

गांव बलाली निवासी पूर्व चेयरमैन प्रीतम सांगवान द्वारा पुलिस से आरटीआइ के माध्यम से मांगी जानकारी अनुसार दादरी जिले में एक जनवरी 2016 से अब तक कस्बा बौंद पुलिस स्टेशन में 65 भैंस व कटड़ी, दादरी सदर में 70 पशु, बाढड़ा पुलिस स्टेशन में 60 से अधिक भैंस, गाय व अब तक दर्जन भर लाखों के पंचायती झोटे चोरी हो चुके हैं। कादमा सहित बडराई के पहाड़ी क्षेत्र में सैकड़ों बकरियां भी चोरी हो चुकी हैं। हथियारों से लैस रहते हैं चोर

बाढड़ा सहित दादरी जिले में लंबे समय से मेवात क्षेत्र से संबंध रखने वाले पशु चोर गिरोह के सदस्य सक्रिय हैं जो दिन में खेतों या गांव से बाहर मकान में पशुओं की रेकी करते हैं और रात्रि को वहां से पशुओं को नशीला पदार्थ सुंघा कर चुरा ले जाते हैं। कई बार ग्रामीण इनको रंगे हाथों पकड़ लेते हैं और वाहन समेत घेर लेते हैं लेकिन पुलिस की मौजूदगी में वे गोलियां चला कर भागने में कामयाब हो जाते हैं। पिछले दिनों झोझू, बलाली मुख्य सड़क मार्ग पर पशु चोर गिरोह के वाहनों को आठ गांवों के लोगों ने घेराबंदी कर मौके पर पुलिस को बुलाया गया। लेकिन पशु चोर अंधाधुंध फाय¨रग कर न केवल पुलिस कर्मियों व ग्रामीणों को घायल कर फरार हो गए। एसटीएफ गठन की मांग

आरटीआइ कार्यकर्ता व पूर्व चेयरमैन प्रीतम बलाली, भाकियू अध्यक्ष धर्मपाल बाढड़ा, महासचिव हरपाल भांडवा इत्यादि ने बताया कि क्षेत्र में सक्रिय पशु चोर गिरोह की घटनाओं पर पुलिस बल की निष्क्रियता से पशुपालकों में भय का माहौल बना हुआ है। बाढड़ा, झोझू क्षेत्र में अस्सी फीसदी लोग खेतों में रिहायश करते हैं और चोर गिरोह के सदस्य उनको ही सबसे अधिक निशाना बनाते हैं। उन्होंने पुलिस विभाग से इनके लिए विशेष एसटीएफ गठित करने की मांग करते हुए कहा कि जल्द ही इनपर अंकुश नहीं लगाया तो दादरी जिला मुख्यालय पर बड़ी महापंचायत आयोजित कर जिला प्रशासन से जवाब मांगा जाएगा। पुलिस नाकों में चुस्ती बरतेंगे

बाढड़ा के पुलिस उप अधीक्षक दलीप ¨सह ने कहा कि दादरी के पुलिस अधिक्षक हिमांशु गर्ग ने सभी थाना प्रभारियों की बैठक लेकर साईबर सेल की मदद से पशु चोरी की पुरानी घटनाओं का सुराग लगाने के बारे में विशेष निर्देश जारी किए हैं। जिले में 17 नाके लगाने के अलावा अन्य सभी जरुरी कदम उठाए जा रहे हैं। रात्रि को पशु चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए जल्द ही सभी गांवों में नियमित ठीकरी पहरे लगाने के अलावा प्रत्येक पुलिस स्टेशन की सीमा पर लगने वाले नाकों को और चुस्त दुरुस्त किया जाएगा। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से गांव में घूमने वाले बाहरी लोगों की गतिविधियों पर कड़ी नजरें रखते हुए प्रशासन से सहयोग की अपील की।


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