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ग्राउंड रिपोर्ट : टिड्डी दल पर भारी पड़ने की दिखी जिद्दोजहद

हर जुबां पर एक ही बात थी। टिड्डी आली सैं भाइयो अपने खेतां म्हैं पहुंच जाओ। जिधर टिड्डी दल का रुख होता सोशल मीडिया पर यह सब वायरल हो जाता।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2020 07:49 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 07:49 AM (IST)
ग्राउंड रिपोर्ट : टिड्डी दल पर भारी पड़ने की दिखी जिद्दोजहद

मदन श्योराण, ढिगावा मंडी (भिवानी) : हर जुबां पर एक ही बात थी। टिड्डी आली सैं भाइयो, अपने खेतां म्हैं पहुंच जाओ। जिधर टिड्डी दल का रुख होता सोशल मीडिया पर यह सब वायरल हो जाता। ईब फलां गाम कानी आवण लाग री सैं। ईब टिड्डियां नै इन्नै उड़ा भर ली सै। यही सब रात भर चलता रहा। खुद कृषि मंत्री जेपी दलाल प्रशासनिक अमले के साथ आधी रात को खेतों में उतरे। इतना सब होने के बाद भी टिड्डी हैं कि कंट्रोल नहीं हो रही थी। चार जिलों की 14 दमकल गाड़ियां भी बुलाई गई। उधर, टिड्डियां इस खेत से उस खेत टीम और किसानों की जैसे परेड कराती रही। दैनिक जागरण प्रतिनिधि भी पल-पल की अपडेट लेने के लिए रातभर खेतों में डटा रहा।

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कृषि अधिकारी और प्रशासन इस इंतजार में रहे कि रात को जब टिड्डियां बैठेंगी तो दवा का छिड़काव कर इनको खत्म किया जाएगा। शाम 7 बजे तक टिड्डी दल तीन हिस्सों में बांट चुका था। टिड्डी दल ने करीब तीन दर्जन गांवों में फसलों पर हमला किया। किसानों ने अपने देसी तरीकों से जैसे पीपा बजाकर, थाली बजाकर, ट्रैक्टर की आवाज, लाउडस्पीकर आदि से अपने खेतों का बचाव किया।

शनिवार रात 8 बजे टिड्डी दल ने गांव अमीरवास, बुढेड़ा, बिठण और चैहड़ कला के खेतों में पड़ाव डाला। 260 लीटर दवा का छिड़काव फायर ब्रिगेड की 14 गाड़ी और करीब 40 ट्रैक्टरों से किया गया। रात 12:05 पर कृषि एवं पशुपालन मंत्री जयप्रकाश दलाल मौके पर पहुंचे। बारिश से नहीं हो पाया छिड़काव

रविवार सुबह 7.30 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक बारिश और बूंदाबांदी के कारण कीटनाशक दवा का छिड़काव नहीं हो पाया। 1.30 बजे बाद फिर फायर ब्रिगेड की गाड़ियों से ट्रैक्टरों से खेतों में दवाई का छिड़काव शुरू किया गया। प्रशासन कृषि अधिकारियों का दावा रहा 60 से 70 फीसदी टिड्डी को कंट्रोल कर मार दिया है। दूसरी और किसानों का कहना था कि 10 फीसदी तक टिड्डी ही मुश्किल से कंट्रोल हुई होगी। शाम होते-होते एक बार फिर से टिड्डी दल ने दी दस्तक

टिड्डी दल ने लगातार दूसरे दिन रविवार को शाम होते-होते गांव अमीरवास, बुढेड़ा, बिठण और चैहड़ में डाला पड़ाव डाल दिया। क्षेत्र के ग्रामीणों और किसानों का कहना है कि टिड्डी दल तीन गुना बढ़ गया है। जबकि कृषि अधिकारियों का कहना है कि प्रजनन नहीं हुआ बल्कि बिखरा हुआ दल इकट्ठा हो गया है। टिड्डी दल कपास, ग्वार, बाजरा और पशु चारे की फसल पर कहर बनकर टूट रहा है। अब देखना है कि अधिकारियों की टीम कितनी जल्दी इस टिड्डी दल को कंट्रोल करती है।


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