शिवपुराण महायज्ञ : सभी रसो की पूर्णता है भगवान शिव में : उमानंद
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : शिव मात्र एक नाम नही यह संपूर्ण संसार का कल्याण रूप है। सभ
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : शिव मात्र एक नाम नही यह संपूर्ण संसार का कल्याण रूप है। सभी रसो की पूर्णता शिव में समावेश है। यह बात व्यास पीठासीन स्वामी उमानंद दादरी नगर के बिचला बास गामड़ी क्षेत्र स्थित प्राचीन शिव मंदिर में आयोजित महा शिवपुराण कथा के दौरान श्रद्धालुओं को शिव स्वरूप को विस्तार से बताते हुए कही। उन्होने कहा कि शिव प्रकृति के सभी रूपों का विस्तार शिव है। उनमें सभी रसो वात्सलय, संहारक, उद्धारक की पूर्णता है। एक और उनका तांडव प्रकृति का संहारक रूप का दर्शन कराता है वही दूसरी और उनकी मनमोहक व संगीतमयी रूप नटराज भी है जो कि हर प्रकृति प्रेमी को अपनी और बरबस ही आकर्षित कर लेता है। शिव परिवार संपूर्ण संसार प्रकृति के अपने अंदर समेटे हुए है। किसी भी कार्य की शुरुआत के लिए जहां एक और श्रीगणेश का पूजन किया जाता है वही किसी भी पूजन का अंत महादेव से होता है। जो कि किसी भी व्यक्ति के गुणों के अनुसार उनके स्थान को सम्मान देना दर्शाता है।