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एचटेट : टेंडर की नियमों में होगा बदलाव, सबलेट की नहीं होगी छूट

बलवान शर्मा भिवानी हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने एचटेट (पात्रता परीक्षा) के संचालन

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jun 2019 07:32 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jun 2019 07:32 PM (IST)
एचटेट : टेंडर की नियमों में होगा बदलाव, सबलेट  की नहीं होगी छूट
एचटेट : टेंडर की नियमों में होगा बदलाव, सबलेट की नहीं होगी छूट

बलवान शर्मा, भिवानी : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने एचटेट (पात्रता परीक्षा) के संचालन को लेकर कमर कस ली है। इस बार बोर्ड प्रशासन एचटेट को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए विभिन्न कार्यों के टेंडर छोड़ने के नियमों में बदलाव का मन बना लिया है। इस बार टेंडर लेने वाली कंपनियों को कार्य सबलेट करने की छूट नहीं दी जाएगी।

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जैमर, सीसीटीवी कैमरों, बायोमीट्रिक मशीनों, वीडियोग्राफी, उत्तरपुस्तिकाओं की जांच सहित परीक्षा आयोजन के तमाम कार्यों को लेकर बोर्ड ने अब तक अजीब सी शर्तें लगाई हुई हैं। उदाहरण के तौर पर बोर्ड उन्हीं फर्मों को कार्य देता है, जिनका टर्नओवर दस करोड़ रुपये से ज्यादा है। इस शर्त के लागू होने से स्पष्ट हो जाता है कि केवल गिनी चुनी बड़ी फर्म को ही टेंडर के लिए आवेदन का मौका मिलता है। एक और शर्त जो भ्रष्टाचार को जन्म देती है। वो यह है कि केवल उन्हीं फर्म को कार्य किया जाएगा, जिन्होंने बोर्ड का पहले भी कार्य किया हुआ हो। ऐसे में हर कार्य के लिए मनमाफिक रेट लेने में ये फर्मे कामयाब हो जाती हैं और इसके बाद पैसे की बंदरबांट शुरू होती है। टेंडर किसी फर्म के नाम से छूटता है और कार्य कोई और करता है। कार्य करने वाले व्यक्ति का टर्नओवर लाखों में भी नहीं होता। लेकिन बड़ी कंपनी उसी कार्य को सबलेट कर मुनाफा घर बैठे कमा लेती हैं। लेकिन असल में नुकसान तो हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड व परीक्षार्थियों को होता है।

इसी वजह से बोर्ड प्रशासन अब रणनीति बना रहा है कि इस तरह की शतरें को हटाया जाए, ताकि कंपीटीशन में अधिक से अधिक कंपनियां आ सकें। जितनी ज्यादा कंपनियां टेंडर भरेंगी, उतना ही फायदा शिक्षा बोर्ड को होगा। साथ ही कंपनियों व बोर्ड के अधिकारियों के बीच मिलीभगत के जाल को भी तोड़ा जा सकेगा। हैरान करने वाले तथ्य ये सामने आए हैं कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान एक बार एचटेट करवाने पर बोर्ड को करीब 23 करोड़ रुपये खर्च पड़े, वहीं पिछली बार सत्र 2018-19 का एचटेट महज 11 करोड़ रुपये में ही हो गया।

इन वर्षो में लगे थे धांधली के आरोप

2014 व 2015 में हुए एचटेट में बोर्ड कर्मचारियों ने ही भारी धांधली के आरोप लगाए थे। इस मामले की विजिलेंस जांच अभी चल रही है। इसके बाद लंबे समय तक बोर्ड कर्मचारियों ने आंदोलन भी किया था। नियमों में बदलाव पर किया जा रहा विचार

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव राजीव प्रसाद ने कहा कि एचटेट की तैयारियां जुलाई माह में शुरू कर दी जाएंगी। इस बार टेंडर छोड़ने को लेकर बनाए गए पुराने नियमों में बदलाव किया जाएगा। कोई भी कार्य सबलेट नहीं करने दिया जाएगा।

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