पानी की बर्बादी रोकिये नहीं तो इस बार गर्मियों में पानी को तरस जाएंगे
जागरण संवाददाता भिवानी सावधान! भूजल घट रहा है। नहरों में भी गर्मी से पहले ही पानी कम
जागरण संवाददाता, भिवानी :
सावधान! भूजल घट रहा है। नहरों में भी गर्मी से पहले ही पानी कम आना शुरू हो गया है। ऐसे में इस बार गर्मी में पेयजल संकट बढ़ सकता है। प्रति व्यक्ति 135 लीटर पानी की जरूरत होती है। नहरों में पानी कम आने की वजह से न केवल पीने के लिए बल्कि मवेशियों आदि के लिए भी पानी कमी भारी पड़ सकती है। इसलिए लोगों को पानी की बूंद-बूंद बचाने के लिए सोचना होगा। पानी की बर्बादी तो बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए। इस बार नहर में पानी 15 दिन की बजाय 32 दिन में आ रहा है। लीकेज पेयजल लाइनों की समय पर करनी होगी मरम्मत
शहर हो चाहे गांव लाइन लीकेज की समस्या विकट है। पुराना शहरवासी संदीप कुमार, विजय कुमार, किशन कुमार, राजेश और अशोक का कहना है कि लीकेज लाइन की वजह से लोगों को मजबूर दूषित पानी पड़ रहा है। वहीं हर रोज हजारों लीटर पानी वैसे ही सड़कों गलियों में बह जाता है। ग्रामीण इलाकों में तो लाइन टूटने के बाद उसे संभाला ही नहीं जाता। शहर की बात करें तो पुराने शहर में पचास साल पुरानी पेयजल लाइन हैं। ये लाइन जर्जर हो चुकी हैं। इसके अलावा हनुमान गेट, पीपलीवाली जोहड़ी क्षेत्र, चौ. बंसीालाल पार्क के पीछे, बावड़ी गेट, ढाणा रोड आदि के अलावा शहर में अनेक जगह पर लीकेज होकर पानी बर्बाद हो रहा है। जन स्वास्थ्य विभाग को लाइनें चेक करवा कर लीकेज रोकने की पहल करनी होगी। शहर की आबादी 2 लाख 40 हजार, प्रति व्यक्ति पानी की खपत 135 लीटर प्रतिदिन
शहर की आबादी 2 लाख 40 हजार के लगभग है। पानी की खपत प्रति व्यक्ति प्रति दिन 135 लीटर है। व्यर्थ बहते पानी को लेकर उचित कदम समय पर नहीं उठाए गए तो गर्मी आने पर लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिलेगा। जन स्वास्थ्य विभाग ही नहीं शहर वासियों को खुद भी इस पर ध्यान देना होगा। जहां कहीं लीकेज नजर आए तुरंत विभाग के अधिकारियों को सूचित करना होगा। इससे भी बढ़ कर घर में टोंटी खुली न छोड़ें। गलियों में नल खुला चलता नजर आए तो उसे तुरंत बंद करें। वाहन आदि धोने हों तो बहुत ज्यादा जरूरी होने पर और बहुत कम पानी से धोएं। वाशिग स्टेशन बने हैं उनको भी पानी की बर्बादी से बचना होगा। पानी की बर्बादी रोकने के लिए लोगों को किया जा रहा जागरूक
पानी की बर्बादी रोकने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लीकेज लाइनों को ठीक करने के लिए भी कर्मचारियों की जिम्मेदारी लगाई गई है। पता किया जा रहा है कहां-कहां लाइन लीकेज हैं। गर्मियों में पानी की किल्लत न रहे इसके लिए विभाग अलर्ट है।
जयभगवान चौपड़ा, अभियंता
जनस्वास्थ्य विभाग। --सुरेश मेहरा--