गोचर भूमि पर मिले गोवंशों के कंकाल, ग्रामीणों में रोष
अजीब बात है एक तरफ गो वंश को बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे है
संवाद सूत्र, ढिगावा मंडी : अजीब बात है एक तरफ गो वंश को बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं दूसरी तरफ गौ वंश की ठंड की चपेट में आने या फिर पॉलीथिन खाने से मौत हो रही है। जी हां गांव कुड़ल की गोशाला में दो दर्जन गायों की मौत होने की खबर है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है। वहीं गांव की गोचर भूमि में दर्जनों गायों के कंकाल भी पड़े हैं। यह सब देख गो भक्तों में गुस्सा बना हुआ है।
कुछ साल पहले गांव कुड़ल में गोशाला बनाई गई थी। इसमें 150 से ज्यादा गाय, नंदी और बछड़े आदि रखे गए हैं। इनकी देखरेख के लिए ती लोगों को छोड़ा गया है। गोशाला में ग्रामीणों के सहयोग से चारे की व्यवस्था की जाती है। ग्रामीण श्रीभगवान, जय¨सह, मांगेराम नाथ, विक्रम वर्मा, कृष्ण, संदीप, राजेंद्र, बलबीर आदि ने बताया कि पिछले कुछ दिन से गोशाला में आए दिन दो से तीन गायों की मौत हो रही है। ठंड या पॉलीथिन हो सकते हैं मौत का कारण इस समय गायों की मृत्यु सर्दी के कारण और पॉलीथिन खाने के कारण हो रही है। पॉलीथिन और ठंड से गायों, नंदियों को बचाना जरूरी है।
आर एल मुंड, वेटरनरी सर्जन गायों की मौत के बारे में पता करेंगे, जरूरत अनुसार कदम उठाएंगे करीब दो साल पहले पंचायत के अधीन यह गोशाला आई है। गायों की सुरक्षा के लिए ठोस प्रबंध किए जा रहे हैं। फिर भी कोई कमी रह गई है तो इसके बारे में पता किया जाएगा।
राजेश कुमारी, सरपंच, ढाणा जोगी। उनकी जानकारी में यह मामला नहीं है। गायों की मौत मामले में जांच करवाई जाएगी। गो वंश बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
सुरेश कुमार कस्वा, एसडीएम, लोहारू