शेयर ब्रोकर को दो साल कैद व 80 लाख रुपये हर्जाना देने की सुनाई सजा
जागरण संवाददाता भिवानी उधार दी गई 50 लाख रुपये की रकम ना लौटाने से तंग आकर गांव धनाना
जागरण संवाददाता, भिवानी : उधार दी गई 50 लाख रुपये की रकम ना लौटाने से तंग आकर गांव धनाना निवासी एक ट्रांसपोर्टर द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या किए जाने के मामले में जेएमआइसी अमित कुमार की कोर्ट ने मंगलवार को धोखाधड़ी करने वाले शेयर ब्रोकर को दो साल की कैद एवं मृतक की पत्नी को 80 लाख रुपये हर्जाने के तौर पर लौटने का फैसला सुनाया है।
गांव धनाना निवासी अनिल शर्मा बॉम्बे ट्रांसपोर्ट का काम करता था। अनिल शर्मा ने 2 मार्च 2015 को बॉम्बे में अपना फ्लैट बेचा था। अनिल शर्मा के जानकार गांव बास निवासी व फिलहाल भिवानी के सेक्टर-23 में रहने वाले शेयर मार्केट ब्रोकर अनिल कौशिक को उसके द्वारा फ्लैट बेचे जाने की जानकारी हुई। अनिल कौशिक उसके पास पहुंचा। पहले तो उसने उसके पचास लाख रुपये शेयर मार्केट में उसकी तरफ से लगाने का झांसा दिया, लेकिन वह नहीं माना तो उसने 50 लाख रुपये बैंक ब्याज पर तीन माह के लिए उधार दिए जाने के लिए कहा। अनिल शर्मा ने एक अप्रैल
2015 को 50 लाख रुपये तीन महीने के लिए बैंक ब्याज पर उसे उधार दे दिए। जब पैसे लौटाने का समय आया तो अनिल कौशिक ने अनिल शर्मा को नकद की बजाय 25-25 लाख रुपये के दो चेक 18 नवंबर 2015 को दिए। अनिल शर्मा ने जब ये चेक बैंक में लगाए तो दोनों चेक बाउंस हो गए। इसके बाद अनिल शर्मा ने 10 मार्च 2016 को जेएमआइसी अमित कुमार की कोर्ट के माध्यम से केस किया।
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आरोपित से तंग आकर अनिल शर्मा ने फांसी लगाकर कर ली थी आत्महत्या
इस मामले में अनिल शर्मा के वकील रमेश सांगवान ने बताया कि आरोपित अनिल कौशिक ने अनिल शर्मा के वाट्सएप पर मेसैज भेजा कि उसने अपने दोनों चेक गुम होने की शिकायत थाने में दी है। अब तुम्हें कोर्ट से भी कुछ नहीं मिलेगा। अपने जीवन की सारी कमाई डूबने के डर से आहत होकर अनिल शर्मा ने 22 अप्रैल 2016 को फांसी का फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली। इसके बाद अनिल शर्मा की पत्नी ममता जो चार बेटियों की मां है, ने न्याय के लिए सभी सुबूत जुटाए और कोर्ट में केस लड़ा।
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कोर्ट ने आरोपित शेयर ब्रोकर को दो साल की कैद एवं 80 लाख रुपये लौटाने का सुनाया फैसला
पीड़ित पक्ष के एडवोकेट रमेश सांगवान ने बताया कि जेएमआइसी कोर्ट ने सभी सुबूतों के आधार पर अनिल कौशिक को दोषी पाते हुए पीड़िता ममता को 80 लाख रुपये राहत के तौर पर देने एवं दो साल कैद की सजा सुनाई है। पीड़ित पक्ष को यह रकम तीन माह में देनी होगी। समय पर रकम ना देने पर आरोपित को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। चार बेटियों की मां पीड़िता ममता ने कहा कि न्याय तो मिला है, लेकिन आरोपित की सजा और बढ़ाई जानी चाहिए। उसने पूरे परिवार को बर्बाद किया है।