स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 : इस बार 6000 अंकों के सर्वेक्षण को तीन भागों में बांटा
अशोक ढिकाव भिवानी स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में इस बार जनता की भागीदारी अधिक रहेगी। केंद्र स
अशोक ढिकाव, भिवानी
स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में इस बार जनता की भागीदारी अधिक रहेगी। केंद्र सरकार ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी हैं। कुल 6000 अंकों के इस बार के सर्वेक्षण को चार के बजाय तीन कैटेगरी में बांटा गया है। आम लोगों के फीडबैक अर्थात सिटीजन वॉयस के अंकों को बढ़ाकर 1800 अंक, दस्तावेजीकरण 1800 अंक और सर्विस लेवल प्रोसेस के लिए सबसे ज्यादा यानी 2400 अंक दिए गए हैं। ऐसे में नगर परिषद को धरातल पर सफाई कार्यों को मेंटेन रखना होगा। भिवानी नगर परिषद के लिए ओडीएफ प्लस में अंक लेना बड़ी चुनौती बना हुआ है। यह अंक शौचालयों की बेहतर स्थिति को देखते हुए दिए जाते है, लेकिन भिवानी के सार्वजनिक शौचालयों की हालत खस्ता बनी हुई है।
देश में स्वच्छता को मापने के लिए कुछ पैरामीटर तय किए गए हैं। जिनका गत वर्ष 20 अगस्त को परिणाम जारी किया गया था। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के ऑल इंडिया रिजल्ट में भिवानी ने नेशनल लेवल पर 166वां व प्रदेश स्तर पर दो पायदान उछलकर 11वां स्थान हासिल किया था। वर्ष 2019 में नप ने प्रदेश में 13वां स्थान हासिल किया था। स्वच्छता सर्वेक्षण के कुल छह हजार अंकों में से 2728 अंक हासिल किए थे। इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण में अच्छे अंकों व रैंक के लिए शहर की सफाई में जनता को संतुष्ट करना बड़ी चुनौती होगी। इस बार के स्वच्छ सर्वेक्षण में कागजों के बजाए धरातल पर अधिक से अधिक सफाई कार्य को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय शहरी आवास मंत्रालय ने नए मापदंडों में सिटीजन फीडबैक को अधिक महत्व दिया है। जनता का विश्वास जीतना नप के लिए जरूरी है। इन तीन श्रेणियों में बांटा गया है सर्वेक्षण
सर्वेक्षण को किन तीन श्रेणियों में बांटा गया है। आवास एवं शहरी मामले मंत्रालय भारत सरकार ने इस बार चार की बजाए तीन कैटेगरी बनाते हुए अंकों को इस तरह से विभाजित किया है कि जिससे सर्वेक्षण पर उस शहर के लोगों को पक्ष मजबूत हो। इसके मद्देनजर सर्विस लेवल प्रोग्रेस और सिटीजन वॉयस के अंकों को अधिक किया गया है। इन दोनों कंपोनेंट के 4200 अंक निर्धारित किए गए हैं। जबकि 1800 अंक सर्टिफिकेट आधारित किए गए हैं। इनको भी दो जगह बांटा गया है। सर्विस लेवल प्रोग्रेस
ये 2400 अंक का होगा। अप्रैल से दिसंबर तक की प्रत्येक तिमाही में कई बिदुओं के आधार पर रैंकिग तय करेंगे। पहली तिमाही 500, दूसरी 700 व तीसरी 1200 अंक की होगी। दस्तावेजीकरण : यह 1800 अंक का होगा। इसमें गार्बेज फ्री सिटी के 1100, ओडीएफ व वाटर प्लस के 700 अंक रहेंगे। वाटर प्लस के अंक गंदे पानी का कितना ट्रीटमेंट हो रहा है, उस आधार पर दिए जाएंगे। सिटीजन वाइस में दिल्ली से सीधे फोन कर लोगों से की जाएगी बात
यह 1800 अंक को होगा। इस बार टीम पब्लिक फीडबैक लेने के बजाए सीधे दिल्ली से फोन कर लोगों से बात की जाएगी। वोट फॉर सिटी एप, 1969 हेल्पलाइन, एसएस 2021 पोर्टल, स्वच्छता एप से मिलने वाली शिकायतों और उनके निराकरण के आधार पर अंक मिलेंगे। जनता को करना होगा सहयोग
इस बार सबसे महत्वपूर्ण ये है कि टीम का फोक्स खुले में पड़े कूड़े पर रहेगा। शहर की रैंकिग सुधारने को सड़क, गलियों या खुले में कूड़ा न फेंके। इन शौचालयों की बनी है खस्ता हालत
-- बावड़ी गेट स्थित सार्वजनिक शौचालय
-- घंटाघर कृष्णा कालोनी मोड़ शौचालय
-- कृष्णा कालोनी स्थित शौचालय
-- हनुमान गेट स्थित सार्वजनिक शौचालय गीला व सूखा कचरा निपटान पर हो फोकस
गीला व सूखा कचरा अलग-अलग करने पर भी ध्यान देना होगा।
स्लोगन और अलग-अलग तरह के डस्टबिन से कुछ फर्क जरूर पड़ा है। हरे रंग के डस्टबिन में गीला कूड़ा यानी फल, सब्जियों की छिलके व पेड़-पौधों के पत्ते। सूखा कचरा नीले डस्टबिन में यानी अखबार, कागज का कूड़ा, प्लास्टिक, धातु, रबड़ थर्माकोल सहित अन्य शामिल है। सर्वेक्षण में अच्छी अंक लाने के लिए खुले में पड़े कूड़े का समय पर उठाने करने की व्यवस्था की जा रही
है। साथ ही शहर के खस्ताहाल शौचालयों को बेहतर किया जाएगा। इन पुराने शौचालयों को बनाए जाने के लिए प्रशासन को प्रस्ताव भेजा गया है।
संजय कुमार, सफाई निरीक्षक, नप भिवानी