कारीरुपा में सरपंच उपचुनाव आज, प्रशासन अलर्ट
संवाद सहयोगी बाढड़ा गांव कारी रूपादास में 7 अप्रैल को सरपंच पद के उपचुनाव को शांतिपूर्ण
संवाद सहयोगी, बाढड़ा : गांव कारी रूपादास में 7 अप्रैल को सरपंच पद के उपचुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न करवाने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। गांव के 904 मतदाताओं के लिए दो बूथों की स्थापना की गई है। जिसमें दो पीठासीन अधिकारियों के अलावा पांच पांच कर्मचारियों के साथ भारी संख्या में सुरक्षा बल की तैनाती की गई है। सरपंच पद के लिए मतदान के समय किसी तरह की अशांति को रोकने लिए डीएसपी अनिल कुमार की देखरेख में थाना प्रभारी हुकमचंद की अगुवाई में रिजर्व टीमें तैयार की गई हैं। गांव में सरपंच पद पर कर्मबीर सिंह व सतपाल सिंह के बीच रोचक मुकाबला माना जा रहा है।
एसइपीओ सुनील कुमार ने बताया कि गांव कारी रूपादास के प्राथमिक विद्यालय के बूथ संख्या 81 पर ओमप्रकाश को पोलिग अधिकारी, शमेशर सिंह को सहायक पोलिग अधिकारी व शिक्षक जयबीर सिंह, रविद्र कुमार, शमीन कुमार को जिम्मेदारी दी गई है। बूथ संख्या 82 पर सत्यवीर सिंह कान्हड़ा को पोलिग अधिकारी, वेदपाल सिंह को सहायक पोलिग अधिकारी के अलावा शिक्षक सुखबीर सिंह, नरेश कुमार, संजय कुमार की तैनाती की गई है। आज थाना प्रभारी हुकमचंद व बीडीपीओ की अगुवाई में पोलिग पार्टी को गांव भेजा गया जहां उनको सरकारी विद्यालय में ठहराया गया है।
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पूर्व सरपंच पर गिरी थी अवैध कब्जे की गाज
गांव कारीरूपा के पूर्व सरपंच अजीत सिंह पर गांव की शामलाती भूमि पर अवैध कब्जा करने की शिकायत जांच में सही पाए जाने पर उपायुक्त कार्यालय ने उनको बर्खास्त कर बहुमत वाले पंच को कार्यभार देने का आदेश दिया। उपायुक्त के आदेश के विरोध में गांव कारीरूपा के पूर्व सरपंच अजीत सिंह ने पहले उच्च न्यायालय व फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर बताया कि उनके परिवार पर गांव की शामलाती भूमि पर कब्जा कर मकान निर्माण का आरोप लगा कर उनको निर्दोष होते हुए बर्खास्त कर दिया गया। पूर्व सरपंच का कहना है कि उनकी सुनवाई हुए बिना ही उपायुक्त ने 7 अप्रैल का चुनावी शेडयूल जारी कर दिया। प्रजातंत्र में पूरी सुनवाई के बिना इस तरह पद से हटाना असंवैधानिक कदम है। इस मामले में विकास एवं पंचायत के अतिरिक्त मुख्य सचिव व उपायुक्त दादरी से सारे मामले की रिपोर्ट तलब कर उनको न्याय दिलवाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने पहले तो मामले को प्रतीक्षा सूची में रखा है और फिर सुनवाई को ही स्थगित कर दिया। जिसके बाद अब चुनावी कार्यक्रम के तहत सात अप्रैल को मतदान करवाया जाएगा।