समुचित नियोजन, क्रियान्वयन एवं मूल्यांकन समय पर होना जरूरी: प्रो. सुजाता साही
पाठ्यक्रम द्वारा शिक्षा एवं जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त किया जाता है। यह विद्यार्थियों के संतुलित एवं सर्वांगीण विकास में सहायक है। इसलिए पाठ्यक्रम सम्बंधित कार्यक्रमों का समुचित नियोजन क्रियान्वयन एवं मूल्यांकन समयावधि में होना जरूरी है। ये विचार आइआइएलएम विश्वविद्यालय गुरुग्राम की कुलपति प्रो. सुजाता साही ने चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय के सौजन्य से पाठ्यक्रम विकास विषय पर आयोजित वेबिनार में ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहे।
जागरण संवाददाता, भिवानी : पाठ्यक्रम द्वारा शिक्षा एवं जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त किया जाता है। यह विद्यार्थियों के संतुलित एवं सर्वांगीण विकास में सहायक है। इसलिए पाठ्यक्रम सम्बंधित कार्यक्रमों का समुचित नियोजन, क्रियान्वयन एवं मूल्यांकन समयावधि में होना जरूरी है। ये विचार आइआइएलएम विश्वविद्यालय गुरुग्राम की कुलपति प्रो. सुजाता साही ने चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय के सौजन्य से पाठ्यक्रम विकास विषय पर आयोजित वेबिनार में ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहे।
उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम को पूर्ण करवाना बड़ी चुनौती रहा है परंतु डिजिटल तकनीक ने ऑनलाइन कक्षाओं, विस्तृत व्याख्यानों, ऑनलाइन पाठ्य वस्तुओं की उपलब्धता ने इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम विकास के तहत प्रयुक्त किये जाने वाले अनुभवों के आयोजन में पाठ्यक्रम को व्यवस्थित करने, क्रियान्वयन करने एवं मूल्यांकन करने सम्बंधी पक्षों का सम्मलित होना जरूरी है। उन्होंने पाठ्यक्रम में राष्ट्रीय एवं भावनात्मक एकता, नागरिकता की शिक्षा के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सदभाव एवं विश्व बंधुत्व की शिक्षा के समावेश को अनिवार्य बताया। उन्होंने पाठ्यक्रम विकास के परिवर्धन, क्रियान्वयन, मूल्यांकन की बारीकियों पर विचार रखे।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर के मित्तल ने मुख्यवक्ता प्रो. सुजाता साही का परिचय कराया। उन्होंने विश्वविद्यालय परिवार की ओर से मुख्यवक्ता का स्वागत एवं धन्यवाद किया। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा संचालित ऑनलाइन कार्यक्रमों से अवगत कराया।