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आर्थिक संकट से जूझ रहे निजी स्कूलों ने दी आंदोलन की चेतावनी

दादरी प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक शनिवार को

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 07:48 AM (IST)Updated: Sun, 21 Jun 2020 07:48 AM (IST)
आर्थिक संकट से जूझ रहे निजी स्कूलों ने दी आंदोलन की चेतावनी
आर्थिक संकट से जूझ रहे निजी स्कूलों ने दी आंदोलन की चेतावनी

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : दादरी प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक शनिवार को प्रधान इंद्रजीत सिंह की अध्यक्षता में शहर के प्रेमनगर स्थित एपीएस स्कूल में हुई। इंद्रजीत फौगाट ने कहा कि सरकार ने अभी तक कई ऐसे निर्णय लिए हैं जो प्राइवेट स्कूलों के हित में नहीं है। अब सरकार ने आदेश जारी किया है कि प्राइवेट स्कूल दाखिला फीस वार्षिक शुल्क व अन्य फंड नहीं लेंगे। जिसके कारण प्राइवेट स्कूलों की भविष्य की सभी योजनाएं प्रभावित हुई हैं।

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कोरोना महामारी के चलते भविष्य में होने वाले परिवर्तनों के लिए भी पैसा कहां से आएगा इस बारे में भी सरकार ने कुछ नहीं सोचा और साथ ही मासिक ट्यूशन फीस भी पिछले सत्र की ही लेने के लिए कहा है। जबकि सभी विद्यालयों ने दिसंबर माह में ही फार्म 6 जमा करवा दिया था। जिसमें पिछले साल का घाटा भी दर्शाया गया था। फौगाट ने कहा कि सरकार को चाहिए था फार्म 6 के तहत बढ़ी हुई मासिक ट्यूशन फीस लेने की अनुमति विद्यालयों को दे दी जाती। सभी विद्यालयों ने समाज हित में सरकार के इन आदेशों को भी मान लिया था फिर भी सरकार मासिक ट्यूशन फीस जमा करवाने से संबंधित स्पष्ट आदेश नहीं दे रही। जिसके कारण अभिभावक विद्यालयों की मासिक ट्यूशन फीस जमा नहीं करवा रहे हैं। जिसके कारण से प्राइवेट स्कूल अपने स्टाफ की मासिक सैलरी देने में भी असमर्थ हैं। सभी विद्यालयों की आर्थिक स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि विद्यालय में अपनी आनलाइन कक्षाएं चलाने में भी असमर्थ हैं।

एसोसिएशन ने अभिभावकों से विद्यालय स्टाफ व बच्चों के हित में विद्यालयों की अप्रैल मई व जून माह की मासिक फीस जमा करवाने की अपील की है। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि अभिभावक इस परिस्थिति में विद्यालयों का सहयोग नहीं करते हैं तो उन्हें मजबूरन कठोर कदम उठाने पड़ेंगे। यह फैसला लिया

बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि सरकार अगर स्कूलों का सहयोग न करते हुए अभिभावकों को मासिक फीस जमा करवाने का स्पष्ट आदेश नहीं देती है तो सभी स्कूल मिलकर 10 जुलाई से ऑनलाइन कक्षाओं को पूर्ण रूप से बंद कर देंगे। इस अवधि तक यदि अभिभावक फीस जमा नहीं करवाते हैं तो सभी स्कूल ऐसे बच्चों का सामूहिक रूप से विद्यालयों से नाम काट देंगे। जिले का कोई अन्य दूसरा स्कूल ऐसे बच्चों को दाखिला नहीं देगा। यदि कोई स्कूल ऐसा करता पाया गया तो उस स्कूल पर एसोसिएशन की तरफ से कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इस अवसर पर एपीएस संस्था के निदेशक रामकिशन श्योराण भी उपस्थित रहे।


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