पांचवे दिन भी फार्मासिस्ट्स की हड़ताल जारी
चरखी दादरी दादरी के सरकारी अस्पताल में फार्मासिस्ट की हड़ताल शुक्रवा
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : दादरी के सरकारी अस्पताल में फार्मासिस्ट की हड़ताल शुक्रवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गई। बीते सोमवार से सामूहिक अवकाश पर चल रहे फार्मासिस्ट सरकारी अस्पताल परिसर में ही धरने पर बैठे हुए है। शुक्रवार को सीटू व आशा वर्कर यूनियन की तरफ से जिला प्रधान कमलेश भैरवी, रिटायर्ड फार्मासिस्ट एसोसिएशन के जिला प्रधान कश्मीर सिवाच ने भी फार्मासिस्ट को समर्थन दिया। एसोसिएशन आफ गर्वनमेंट फार्मासिस्ट्स के बैनर तले धरने पर बैठे फार्मासिस्ट ने बताया कि उन्हें वर्तमान में 4200 ग्रेड पे दिया जा रहा है। जबकि 4600 ग्रेड पे की फाइल को मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद उनकी फाइल वित्त मंत्रालय में रखी हुई है। वहां पर उनकी इस फाइल की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जूनियर स्केल से प्रमोट हुए कर्मचारियों को भी वर्तमान में 4200 ग्रेड पे दिया जा रहा है। ऐसे में उनकी यह मांग पूरी तरह से जायज है। वहीं, अस्पताल में आने वाले मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवा वितरण के लिए स्टाफ नर्सिज की ड्यूटी लगाई गई है। जिसके कारण मरीजों को भी राहत मिल रही है। धरने पर बैठे फार्मासिस्ट्स ने कहा कि यूं तो ड्रग कंट्रोल अधिकारियों द्वारा प्राइवेट मेडिकल स्टोर्स पर फार्मासिस्ट मौजूद न होने पर कार्रवाई अमल में लाई जाती है। लेकिन सरकारी अस्पताल में बिना फार्मासिस्ट्स के ही दवाइयां वितरित की जा रही है। जो कि पूरी तरह से गलत है। फार्मासिस्ट्स ने कहा कि यदि ऐसा ही रहा तो जल्द ही वे फार्मेसी एक्ट की प्रतियां भी जलाएंगे। इस मौके पर फार्मासिस्ट नवीन कासनी, महेश भारद्वाज, अनिल शर्मा, लक्ष्मीनारायण, वेदपाल, सनवीर, रमेश रोहिल्ला, रितू, नीरज, रविद्र इत्यादि भी मौजूद थे।
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एमएसपी कार्यक्रम होगा प्रभावित
धरने पर बैठे फार्मासिस्ट ने बताया कि आगामी एक सितंबर से स्वास्थ्य विभाग द्वारा एमएसपी प्रोग्राम शुरू किया जाना है। जिसमें बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए माइक्रोन्यूट्रिएंट वितरित किए जाते हैं। लेकिन फार्मासिस्ट की हड़ताल के कारण यह कार्य प्रभावित होगा। इसी प्रकार से जिले की विभिन्न पीएचसी में भेजी जाने वाली वैक्सिन का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा वेयर हाउस में भी दवा नहीं पहुंच रही है। ऐसे में यदि फार्मासिस्ट की हड़ताल ज्यादा दिन तक जारी रहती है तो मरीजों की परेशानी भी बढ़ सकती है।