रोडवेज के बजाय निजी वाहनों को तवज्जो दी लोगों ने, रक्षाबंधन पर नजर आया कोविड का असर
सोमवार को रक्षाबंधन पर्व पर कोविड-19 महामारी का काफी असर देखने को मिला।
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :
सोमवार को रक्षाबंधन पर्व पर कोविड-19 महामारी का काफी असर दिखाई दिया। कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को ध्यान में रखते हुए इस बार लोगों ने एक-दूसरे स्थान पर आवागमन के लिए रोडवेज बसों के बजाय प्राइवेट वाहनों को अधिक तवज्जो दी। सोमवार को काफी संख्या में लोग निजी कारों, दुपहिया वाहनों पर ही एक शहर या गांव से दूसरी जगहों पर जाते हुए दिखाई दिए। इस स्थिति में सोमवार को एक तरफ तो दादरी शहर में जाम के हालात बने रहे। वहीं दोपहर बाद दादरी के बस स्टैंड पर महज कुछ ही सवारियां अपने गंतव्य की तरफ जाने के लिए पहुंची। निजी चार पहिया व दुपहिया वाहनों की अधिकता के कारण दादरी का बस स्टैंड रोड, लोहारू रोड, रोहतक रोड, मेन बाजार, दिल्ली रोड, कोर्ट रोड, रेलवे रोड इत्यादि पर पूरा दिन जाम की स्थिति बनी रही। इन जगहों पर तैनात पुलिसकर्मी पूरा दिन जाम खुलवाने को लेकर प्रयासरत रहे।
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रोडवेज ने बढ़ाए 30 ट्रिप
कोविड-19 के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के बाद दादरी रोडवेज डिपो से करीब 60 बसों का संचालन विभिन्न रूटों पर किया जा रहा था। लेकिन यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रक्षाबंधन से एक दिन पहले इन बसों की संख्या बढ़ाकर 90 कर दी गई थी। दादरी रोडवेज डिपो के डीआई अजीत फौगाट ने बताया कि रक्षाबंधन पर्व के दिन सोमवार को इन 90 बसों की 30 ट्रिप और बढ़ा दी गई थी। ताकि कोविड-19 महामारी के चलते सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन की पालना के साथ सभी यात्री सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। उन्होंने बताया कि सोमवार को पूरे स्टाफ को ड्यूटी पर तैनात किया गया था।
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ट्रेन बंद होने का भी दिखा असर
गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार द्वारा पैसेंजर ट्रेनों का आवागमन भी बंद किया हुआ है। जबकि रक्षाबंधन पर्व पर हजारों की संख्या में लोग इन ट्रेनों में ही यात्रा करते थे। ट्रेनें बंद होने तथा कुछ रूटों पर रोडवेज सुविधा न होने के कारण भी लोगों ने यात्रा के लिए निजी वाहनों को प्राथमिकता पर रखा।