खाद्य पदार्थ बेचने के लिए अब लेनी होगी फोस्टेक ट्रेनिग
जिले में किसी भी प्रकार की खाद्य सामग्री बनाने व बेचने वाले दुका
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : जिले में किसी भी प्रकार की खाद्य सामग्री बनाने व बेचने वाले दुकानदारों, रेहड़ी चालकों व अन्य व्यापारियों को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथारिटी आफ इंडिया से रजिस्ट्रेशन करवाना व लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है। यदि कोई भी व्यक्ति बिना रजिस्ट्रेशन करवाए या फिर बिना लाइसेंस लिए खाद्य सामग्री बनाता या बेचता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ जुर्माना व कैद दोनों का ही प्रावधान है। इसके साथ ही केंद्र सरकार द्वारा इस प्रकार के व्यापारियों के लिए फोस्टेक ट्रेनिग लेना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
एक अप्रैल 2020 के बाद बिना फोस्टेक ट्रेनिग के न ही कोई व्यापारी फूड सेफ्टी विभाग से नया लाइसेंस ले सकेगा और न ही वह अपने लाइसेंस को रिन्यू करवा सकेगा। व्यापारियों को फोस्टेक ट्रेनिग तथा लाइसेंस लेने के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से बृहस्पतिवार को फूड सेफ्टी अधिकारी डा. भंवर सिंह ने अन्य अधिकारियों के साथ दादरी नगर परिषद चेयरमैन संजय छपारिया से बैठक की। बैठक के दौरान तय किया गया कि जल्द ही दादरी नगर व्यापार मंडल के सहयोग से अधिकारियों व व्यापारियों की बैठक की जाएगी। जिसमें व्यापारियों को लाइसेंस व ट्रेनिग लेने के लिए जागरूक किया जाएगा। उसके बाद केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत की गई एजेंसी द्वारा व्यापारियों को फूड सेफ्टी से संबंधित ट्रेनिग दी जाएगी। बैठक में भिवानी व्यापार मंडल के अध्यक्ष भानू प्रकाश, व्यापार मंडल उपप्रधान रमेश लांबा, एजेंसी के पदाधिकारी पुनीत दत्त, विद्या सागर इत्यादि भी मौजूद रहे। इनके लिए अनिवार्य हैं ट्रेनिग
फूड सेफ्टी आफिसर डा. भंवर सिंह ने बताया कि किसी भी प्रकार की खाद्य सामग्री बनाने व बेचने वाले जिनमें मुख्य रूप से किरयाणा स्टोर संचालक, ढाबा व रेस्टोरेंट संचालक, फल व सब्जी विक्रेता, मीट विक्रेता, मिठाई विक्रेता, दूध विक्रेता, पनीर व रसगुल्ला प्लांट संचालक, आटा चक्की संचालक, केमिस्ट, कैटरर्स, खाद्य सामग्री बनाने व बेचने वाले रेहड़ी चालकों के लिए यह ट्रेनिग लेना शामिल है। उल्लेखनीय है कि अकेले दादरी शहर में इस प्रकार के व्यापारियों की संख्या हजारों में है।
डा. भंवर सिंह ने बताया कि फोस्टेक ट्रेनिग में व्यापारियों को साफ-सफाई, खाने में स्वच्छता, बर्तनों का प्रयोग, तेल इत्यादि के बारे में जानकारियां दी जाएगी। इसके साथ ही ट्रेनिग में एक्ट से संबंधित सभी जानकारियों के साथ-साथ रजिस्ट्रेशन व लाइसेंसिग की प्रक्रिया भी समझाई जाएगी। ट्रेनिग के बाद संबंधित व्यक्ति को सर्टिफिकेट दिया जाएगा। उसके बाद भी यदि कोई व्यक्ति बिना रजिस्ट्रेशन करवाए या बिना लाइसेंस लिए खाद्य पदार्थ बनाता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हो सकता है जुर्माना व कैद
विभाग द्वारा जारी की गई गाइड लाइन के अनुसार खाद्य पदार्थ बनाने वाले सभी लोगों के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना और लाइसेंस लेना अनिवार्य है। यदि कोई व्यक्ति बिना रजिस्ट्रेशन करवाए या फिर लाइसेंस लिए बिना खाद्य सामग्री को बनाता या बेचता है तो उसके लिए जुर्माना व कैद दोनों का ही प्रावधान है। 12 लाख से कम टर्नओवर की स्थिति में 25 हजार रूपये जुर्माना का प्रावधान है। इसी प्रकार 12 लाख से 5 करोड़ तक टर्नओवर वाले उद्यमी यदि बिना लाइसेंस प्लांट चलाते हुए पाए गए तो कम से कम 6 माह की कैद तथा पांच लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है।