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निर्जला एकादशी: डिस्पोजल की बजाय कांच के गिलासों में शीतल पेय पिलाकर दिया पर्यावरण बचाने का संदेश : संशोधित

जागरण संवाददाता, भिवानी: छोटी काशी में इस बार निर्जला एकादशी का पर्व अलग ही अंदाज में मना

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Jun 2018 01:41 AM (IST)Updated: Sun, 24 Jun 2018 01:41 AM (IST)
निर्जला एकादशी: डिस्पोजल की बजाय कांच के गिलासों में शीतल पेय पिलाकर दिया पर्यावरण बचाने का संदेश : संशोधित
निर्जला एकादशी: डिस्पोजल की बजाय कांच के गिलासों में शीतल पेय पिलाकर दिया पर्यावरण बचाने का संदेश : संशोधित

जागरण संवाददाता, भिवानी:

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छोटी काशी में इस बार निर्जला एकादशी का पर्व अलग ही अंदाज में मनाया गया। पहली बार लोग पर्यावरण बचाने के लिए सजग दिखे। 70 फीसदी लोगों ने डिस्पोजल की बजाय कांच व स्टील के गिलास शीतल पेय पिलाने में प्रयोग किए। ग्रीन सोसायटी ने पहले ही दिन अनेक संगठनों को कांच व स्टील के गिलास नि:शुल्क उपलब्ध कराए। पिछले साल तीन ट्राली डिस्पोजल गिलासों आदि का कूड़ा शहर से एकत्रित कर जमींदोज किया गया। इनमें 43 हजार 500 डिस्पोजल के गिलास थे। पहले शहर निर्जला एकादशी पर कूड़े से पट जाया करता इस बार डिस्पोजल गिलास थाली आदि का कूड़ा बहुत कम नजर आया।

शनिवार को शहर में निर्जला एकादशी का पर्व बहुत ही खुशी के साथ मनाया गया। लोग राहगीरों और वाहन चालकों को रोक कर ठंडा पानी पिला रहे थे तो कहीं जूस पिलाया जा रहा था। इसके अलावा कहीं पकौड़े तो कहीं जलेबी आदि का प्रसाद वितरित किया जा रहा था। भंडारे लगाए गए थे। लेकिन खास बात यह रही कि ज्यादातर में इस बार डिस्पोजल गिलास व थाली आदि का प्रयोग नहीं किया गया। इन संगठनों ने किया कांच व स्टील के गिलास आदि का प्रयोग शहर में घंटाघार पर छबील लगाने वाले कला व सांस्कृतिक प्रकोष्ठ व व्यापारियों ने कांच व स्टील के गिलासों का प्रयोग किया। प्रकोष्ठ के अध्यक्ष संजय दुआ ने बताया कि हमें यह संकल्प लेना होगा कि पर्यावरण को किसी भी कीमत पर प्रदूषित नहीं होने देंगे इसके साथ ओरों को भी जागरूक करेंगे। निर्जला ग्यारस पर इस बार लोगों ने पर्यावरण बचाने का पूरा ध्यान रखा। यह लोगों की पर्यावरण के प्रति गंभीरता का ही परिणाम है। चिरंजीव कालोनी में चिरंजीव समिति ने किया पुण्य का कार्य चिरंजीव सेवा समिति ने ¨चरजीव कालोनी में छबील लगाई। समिति के राजकुमार डुडेजा ने बताया कि अब समय आ गया है लोग पर्यावरण को प्रदूषण होने से बचाने के लिए आगे आएं। इस कार्यक्रम के दौरान लोगों को डिस्पोजल, पॉलीथिन और प्लास्टिक के प्रयोग पर रोक लगाने का भी आह्वान किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि दैनिक जागरण भी इस मुहिम में लगा है जो बहुत ही सराहनीय कार्य है। समिति के प्रधान राजकुमार डुडेजा व सचिव प्रेम मेहत्ता ने बताया कि इस बार छबील पर खासतौर पर हमने प्लास्टीक के गिलासो का बहिष्कार किया। स्वच्छता अभियान को नजर में रखते हुए तथा पर्यावरण के हित में प्लास्टीक व थर्माकोल के डिस्पोजल गिलासो का प्रयोग इस सेवा में नहीं किया गया क्योकि एक तरफ तो इनसे कचरा फैलता है तथा दूसरी तरफ ये सैकडो वर्षों में भी नष्ट नहीं होते हैं। इस अवसर पर प्रधान राजकुमार डुडेजा, महासचिव प्रेम मेहत्ता, वेद प्रकाश चोपड़ा, अश्वनी कुमार, मनोज ग्रोवर, ओपी सनेजा, कमल डुडेजा, बनवारी लाल शास्त्री, संजीव बजाज, गुलशन मेहत्ता, सतीश ठकराल, राजेश बिष्ट, राकेश वर्मा, सन्नी छाबड़ा सहित अन्य ने सेवाभाव से छबील में हिस्सा लिया।

सेक्टर 13 में पीरबाबा मन्दिर के बाहर लगाई छबील उमड़े लोग सेक्टरवासियों द्वारा निर्जला ग्यारस के उपलक्ष्य में छबील लगाई जिसमे आनेजाने वालो को दूध रूहआफजा की ठंडाई, तरबूज, केले, मक्का, लड्डू, आइस क्रीम आदि खिलाई गई। पर्यावरण का विशेष ध्यान रखते हुए प्लास्टिक का कोई भी आइटम प्रयोग नही किया गया बल्कि कांच और स्टील के गिलासों को प्रयोग में लाया गया। प्रोग्राम के बाद आसपास की जगह को साफ भी किया गया। निर्लजा ग्यारस के महत्व को बताते हुए श्रीराम सेवा समिति के प्रधान नरेन्द्र शर्मा ने बताया कि हिन्दू धर्म मे आज के दिन किये गए दान पुण्य और व्रत का विशेष महत्व है। आज के दिन किये गए दान पुण्य और व्रत को साल भर किये जाने वाले सभी दान व्रतों से विशेष, पाप नाशक और मौक्ष की प्राप्ति वाला बताया गया है। कार्यक्रम में रोशन लाल अग्रवाल का विशेष सहयोग रहा , इसके अलावा संजय शास्त्री, बहादुर ¨सह, सुरेन्द्र रोहिल्ला, संजय गोयल, तिलक राज चौधरी, रमेश कटारिया कृष्ण नंबरदार ने अपनी सेवाएं दी। अनेक संगठनों ने भी निर्जला एकादशी पर पर्यावरण बचाने का लिया संकल्प निर्जला ग्यारस पर श्री खाटू श्याम मंदिर सेवा समिति, शनि देव मंदिर सेवा समिति, पूर्ण चंद आजाद एमसी, कृष्ण कालोनी, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस नजदीक बासिया भवन आदि के अलावा अनेक संगठनों ने पर्यावरण बचाने का संकल्प लिया। इतना ही नहीं छबील आदि लगाने के बाद अनेक संगठनों शहर में सफाई भी की ओर सड़कों पर कूड़ा नहीं फेंका। हालांकि कुछ लोग ऐसे भी रहे जो समझाने के बाद भी नहीं माने। ग्रीन सोसायटी ने की पहल, अनेक ने किया अनुसरण निर्जला एकादशी पर शहरवासियों में एक अलग से उत्सुकता थी। जगह-जगह पानी व फल वितरण की छबील लगाई गई। अक्सर ऐसा देखा जाता था कि हर जगह प्लास्टिक के गिलासों का ढ़ेर लगा हुआ होता था। ऐसी हालत में सड़क से गुजरना मुश्किल हो जाता था और अंत में उन सभी गिलासों को जला दिया जाता था। पिछले वर्ष की भांति इस बार भी पर्यावरण को समर्पित संस्था ग्रीन सोसायटी ने जगह-जगह जाकर लोगों से प्लास्टिक न उपयोग करने का निवेदन किया और हर छबील पर 40 स्टील के ग्लास भेंट किए। इसके साथ उन्हें धोने के लिए सर्फ व दस्ताने भी भेंट किए। संस्था के संस्थापक डा. पीके आनन्द, दीपक बंसल व अमित गाबा ने बताया कि इस बार संस्था ने लगभग 25 छबीलों पर एक हजार गिलास वितरण किए। उनके मुताबिक 70 प्रतिशत छबीलों में प्लास्टिक का उपयोग नहीं हुआ। उन्होंने दावा किया वह दिन दूर नहीं जब भिवानी का नाम देश के 10 साफ शहरों में अंकित होगा। प्राचीन हनुमान जोहड़ी में मनाया निर्जला एकादशी निर्जला एकादशी पर प्राचीन हनुमान जोहड़ी मंदिर में भी निर्जला ग्यारस का पर्व पर मटका, जलदान, फल, जल सेवा छबील लगाकर जलसेवा की गई। महिलाओं ने मटके दान कर परिवार व समाज मे भगवान से मंगल कामना की। महंत चरणदास महाराज ने कहा कि आज के दिन विष्णु की पूजा की जाती है। एकादशी होने से विष्णुजी के साथ ही शिवजी और हनुमानजी की भी विशेष पूजा की जाए तो अक्षय पुण्य की प्राप्ति हो सकती है। उन्होंने कहा कि दिन प्रति दिन हमारा पर्यावरण खतरे में है हमें जल एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए संकल्प लेना चाहिए। इस अवसर पर कृष्णा, रमेश सैनी, सतेंद्र जेवली, ध्यानदास, फुलपति, राजकमल, अंजु शर्मा, सीमा, सकुन्तला आदि मौजूद रहे।


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