Move to Jagran APP

गो सेवा की उपेक्षा दुर्दशा को निमंत्रण देना है: स्वामी दिव्यानंद

जागरण संवाददाता भिवानी अध्यात्म साधना केंद्र के अध्यक्ष डा. स्वामी दिव्यानंद महाराज भिक्षु ने कह

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 11:41 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 11:41 PM (IST)
गो सेवा की उपेक्षा दुर्दशा को निमंत्रण देना है: स्वामी दिव्यानंद
गो सेवा की उपेक्षा दुर्दशा को निमंत्रण देना है: स्वामी दिव्यानंद

जागरण संवाददाता, भिवानी: अध्यात्म साधना केंद्र के अध्यक्ष डा. स्वामी दिव्यानंद महाराज भिक्षु: ने कहा कि चाहे लौकिक दृष्टि से देखें अथवा अलौकिक दृष्टि से देखें। गाय परम पूज्या है और सेवनीय है। क्योंकि समस्त सृष्टि का प्रत्येक जीव इसके उपकारों से ऋणी है। इसे पशु तो किसी भी दृष्टि से नहीं कहा जा सकता। श्तिलं न धान्यं पशवो न गाव्य। अर्थात जैसे तिल को अनाज में नहीं गिना जाता, भले ही वह अनाज की भांति दिखता अवश्य है। इसी प्रकार गाय को भी पशु मानने वाला मानो अपनी पशु बुद्धि का ही परिचय देता है। इसके दूध को भी दूध नहीं, अपितु अमृत कहा गया। यहां तक कि मल के रूप में माने जाने वाला मूत्र या गोबर से तो अपवित्र स्थान भी पवित्र हो जाते हैं। गोबर का लेपन तो यज्ञवेदी बनाने में भी प्रयोग किया जाता है। गोदान जैसा अनुष्ठान तो सहज में ही समस्त पापों की निवृत्ति कर वासनाओं को छेदन कर मोक्ष का मार्ग प्रशस्त कर देता है। क्या कहें, समस्त त्रिलोकी के रक्षक परमात्मा कृष्ण की रक्षा भी यशोदा मां ने गोमूत्र का छींटा देकर और गौ धूलि को उनके विग्रह पर लगाकर किया। डा. स्वामी दिव्यानंद महाराज भिक्षु: भिवानी के गो सेवा केंद्र की श्री गीता विहारी गोसदन में गोदान महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान गोदान का माहात्म्य बताते हुए कहा कि गोसेवा तो सनातन धर्म है। स्वयं परमात्मा श्रीकृष्ण के रूप में अवतरित होकर गोपालक और गौ संरक्षण का माहात्म्य अपने आचरण से सभी को सिखाते रहे। आयुर्वेद के अनुसार तो कई रोग ऐसे हैं, जो केवल गाय का स्पर्श करने से दूर हो जाते हैं। भगवान राम का तो अवतार ही उस वंश में हुआ, जहां महाराज दिलीप जैसे गोभक्त हुए। जिन्होंने नंदिनी की सेवा कर एक गोभक्त होने का गौरव प्राप्त किया। राम जी के अवतार के मुख्य कारणों में एक कारण था गोहित। रामराज्य में गोमाता का कितना आदर था, यू समझो कि राम ने राक्षसवध इसलिए ही किया, क्योंकि वे गोमांस भक्षी थे। गोदान कर प्रभु राम वन की ओर प्रस्थान करते हैं। आज इस अवसर पर गो महा महोत्सव में गोपूजन एवं गोदान अनुष्ठान सम्पन्न हुआ। सोनीपत से शाम छाबड़ा, रामकुमार, बलदेव नारंग के परिवारों की ओर से यह यज्ञ हुआ। इसके अलावा दीपक खण्डेलवाल महासचिव, अनिल चावला, राकेश कटारिया एडवोकेट, आराध्य, श्रेयस गोपाल, स्वाभिमान लांबा परिवार आदि ने गोपूजन में भाग लिया।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.