बैठक : पशु चोरी की बढ़ती घटनाओं पर किसानों ने जताया रोष
बाढड़ा: उपमंडल क्षेत्र में गिरदावरी शुरू न होने और पशु चोरी पर रोक न लग
संवाद सहयोगी, बाढड़ा: उपमंडल क्षेत्र में गिरदावरी शुरू न होने और पशु चोरी पर रोक न लगने के चलते किसानों में रोष व्याप्त है। किसान संगठनों ने एक सप्ताह में समस्याओं का समाधान न होने पर बेमियादी अनशन शुरू करने की चेतावनी दी है। शनिवार को किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष मीर ¨सह जेवली की अध्यक्षता में किसान भवन में एक बैठक का आयोजन किया गया।
संयोजक कमल ¨सह मांढी ने कहा कि क्षेत्र में असमय बरसात से बर्बाद फसल के मुआवजे के लिए विधायक सुख¨वद्र मांढी ने आश्वासन दिया था कि किसानों को पूरा मुआवजा दिया जाएगा। विधायक के आश्वासन के बाद भी राजस्व विभाग की टीम ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है। कमल ¨सह ने कहा कि अन्नदाता अपनी मांगें उठा रहे हैं तो सरकार उन पर लाठी और गोली बरसा रही है। उन्होंने कहा कि 28 सितंबर को किसान महापंचायत में एचसीएस मनीष फोगाट ने पूरा करने का वायदा किया था, लेकिन आज वे भी कोई कदम उठाने की बजाए अपने ही आश्वासन से मुकर रहे हैं। केंद्र सरकार ने कल कुछ फसलों का एमएसपी तय किया है जिसमें गेहूं का मूल्य प्रति क्विंटल 105 रुपये की वृद्धि की है, वहीं दूसरी ओर यूरिया, डीएपी व अन्य खाद के दाम बढ़ाकर किसानों की कमर तोड़ने का कार्य किया है।
कमल ¨सह ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि किसानों की समस्याओं का एक सप्ताह में निस्तारण नहीं किया गया तो वह बेमियादी धरना शुरू करने के लिए मजबूर होंगे। इस मौके पर सरपंच एसोसिएशन हलकाध्यक्ष सुबे¨सह फौजी, अमर¨सह बाढड़ा, समुंद्र¨सह, गंगाराम, सरपंच गिरधारी मोद, रणधीर हुई, सूबेदार चंद्रपाल ¨सह, भोलुराम, युकां नेता संदीप सांगवान, महाबीर सुरजा ढाणी, रामौतार लाड, रामकुमार बाढड़ा, प्रताप हंसावास, बलबीर भांडवा, दलबीर हड़ौदी इत्यादि मौजूद रहे। सरपंच एसोसिएशन ने दिया समर्थन
सरपंच एसोसिएशन हलकाध्यक्ष सूबे¨सह कारीमोद ने कहा कि सरकार की तानाशाही नीतियों से किसान जवान व पंचायत प्रतिनिधि समेत सभी वर्ग परेशान है। क्षेत्र में बरसात से किसानों की फसलें बर्बाद हो चुकी है, लेकिन मुआवजे के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। मौके पर सरपंच अनिल जीतपुरा, प्रतिनिधि एडवोकेट संजीव श्योराण, सरपंच अजीत सिरसली, प्रेम जांगड़ा, सरपंच राजेश कारी, विक्रम श्योराण काकड़ौली, अजीत कारी, राजेश पंचगावां इत्यादि मौजूद रहे।