स्वतंत्रता संग्राम में शहीद मदन लाल धींगड़ा की रही अहम भूमिका : डा. अमरदीप
जागरण संवाददाता चरखी दादरी आजादी का अमृत महोत्सव श्रृंखला के तहत राजकीय महाविद्यालय बिरो
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : आजादी का अमृत महोत्सव श्रृंखला के तहत राजकीय महाविद्यालय बिरोहड़ के स्नातकोत्तर इतिहास विभाग के तत्वावधान में मंगलवार को मदनलाल धींगड़ा के शहीदी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम संयोजक डा. अमरदीप ने कहा कि आजादी हमें बहुत बलिदानों से मिली है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की चिगारी को अग्नि में बदलने का श्रेय महान शहीद मदन लाल धींगड़ा को ही जाता है। मदन लाल ढींगरा का जन्म 18 सितंबर 1883 को पंजाब में हुआ था। अपने बड़े भाई की सलाह पर वे सन 1906 में उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड गए जहां यूनिवर्सिटी कालेज लंदन में यांत्रिक प्रौद्योगिकी में प्रवेश लिया। इंडिया हाउस नामक एक संगठन में वे भारत के प्रख्यात राष्ट्रवादी विनायक दामोदर सावरकर एवं श्यामजी कृष्ण वर्मा के संपर्क में आए। उन दिनों सावरकर बम बनाने और अन्य शस्त्रों को हासिल करने की कोशिशें कर रहे थे। सावरकर मदनलाल की क्रांतिकारी भावना और उनकी इच्छाशक्ति से बहुत प्रभावित हुए। इसके बाद मदनलाल, वीर सावरकर के साथ मिलकर काम करने लगे। मदन लाल ने एक जुलाई 1909 को सर कर्जन वायली को पांच गोलियां मार दी। 17 अगस्त 1909 को उन्हें फांसी दे दी गई। कालेज प्राचार्य डा. राजकुमार वर्मा ने भी मदन लाल के जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्रहित में कार्य करने की प्रेरणा दी। इस मौके पर जितेंद्र, डा. नरेंद्र सिंह, राजेश कुमार, पवन कुमार भी उपस्थित रहे।