धुंध की चादर में लिपटी दादरी में कड़ाके की ठंड
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी: सामान्य तौर पर मकर सक्रांति के बाद ठंड कम होती रही है ले
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी: सामान्य तौर पर मकर सक्रांति के बाद ठंड कम होती रही है लेकिन इस बार स्थिति विपरित बनी हुई है। मकर सक्रांति 14 जनवरी के बाद से सर्दी का प्रकोप बढ़ा दिखाई दे रहा है। पिछले एक सप्ताह से तो हर दिन दोपहर तक धुंध पड़ने, दिन रात शीतलहर चलने का असर आम लोगों के रोजमर्रा से जुड़े काम काज के अलावा रोजगार, काम धंधों, कारोबार पर भी पड़ा है। दादरी नगर के बाजारों में पिछले माह तक जहां प्रात: 8 से रात्रि 8 बजे तक रौनक रहती थी वहीं अब वह समय कम होकर आधा रह गया है। दोपहर 12 बजे धुंध छटने के बाद कुछ चहल पहल दिखाई देती लेकिन सायं 6 बजे से पहले सन्नाटा पसरा दिखाई देने लगता है। रविवार को अवकाश का दिन होने के कारण दादरी नगर के अधिकतर बाजार बंद थे लेकिन छुट्टी के दिन भी खुलने वाले कुछ बाजारों में भी दिन भर वीरानी दिखाई दे रही थी। बीती रात से रविवार दोपहर 12 बजे तक दादरी जिला धुंध की चादर में लिपटा रहा। इससे रात व सुबह वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा रहा। मौसम का असर परिवहन सेवाओं पर पड़ा है। इससे अपने गंतव्य स्थानों पर आने जाने वाले मुसाफिरों को बेहद परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है।
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दादरी में पारा 6 पर
शनिवार की अपेक्षा तापमान में कुछ बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। पिछले 24 घंटों के दौरान दादरी जिले में अधिकतम तापमान 22 व न्यूनतम 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शनिवार से न्यूनतम तापमान 2 डिग्री तक बढ़ा है। वहीं गहरी धुंध के कारण रविवार को प्रात: 9 बजे तक खुले स्थानों पर दृश्यता मात्र 10 मीटर तक बनी हुई थी। दोपहर बाद धूप निकलने से लोगों को ठंड से कुछ राहत मिली लेकिन बर्फीली हवाएं चलने से परेशानियां बनी रही।
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मौसम से जुड़ी बीमारियां फैली
कड़ाके की ठंड, शीतलहर का असर आम लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। पिछले कुछ दिनों से बुखार, वायरल, जुकाम इत्यादि से प्रभावित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसके अलावा हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, श्वास, एलर्जी, अस्थमा इत्यादि से पीड़ित मरीजों की परेशानियां भी बढ़ी दिखाई दे रही है। --------------
सर्दी में भी पेयजल संकट
सर्दियों में पानी की खपत काफी कम होने के बावजूद दो दर्जन से अधिक जनसंख्या वाली कालोनियों व कई बाहरी बस्तियों में पिछले दो सप्ताहों में पेयजल संकट बना हुआ है। यहां के लोगों का कहना है कि उनके यहां दो-दो, तीन-तीन दिनों में केवल एक बार पीने के पानी की सप्लाई आ रही है। वह भी काफी कम व कुछ समय के लिए आती है। कई कालोनियों में दूषित पेयजल आपूर्ति की भी शिकायतें बनी हुई है।