टिड्डी का प्रजनन कहीं बड़ी मुसीबत न बन जाए, अब चार जोन बना कर रखी जाएगी नजर
ढिगावा क्षेत्र को जिला उपायुक्त के निर्देशों पर चार जोन में बांटा गया है।
मदन श्योराण, ढिगावा मंडी:
टिड्डी दल को मारने के लिए किसान और प्रशासन जुटे हैं। टिड्डी दल है कि खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। कृषि विभाग की मदद के लिए अब राजस्व विभाग और पंचायत विभाग भी साथ आएंगे। प्रशासन को डर है कहीं टिड्डी का प्रजनन शुरू हो गया तो ये फसलों में और ज्यादा नुकसान कर सकती हैं। इसलिए उपायुक्त के निर्देश के बाद ढिगावा क्षेत्र के चार जोन में बांटा गया है। इसके तहत नकीपुर, चैहड़ कला, चैहड़ खुर्द, बिधनोई चार जोन बनाए गए हैं।
पिछले चार दिन से क्षेत्र में टिड्डी कहर बरपा रही है। लगातार चार दिन से अधिकारी, कर्मचारी, किसान और ग्रामीण खेतों में डटे हुए हैं। टिड्डिया सभी की परेड करवा रही हैं। मंगलवार को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा, उपायुक्त भिवानी, अतिरिक्त उपायुक्त भिवानी और उप कृषि निदेशक भिवानी के आदेश अनुसार अब कृषि विभाग की मदद के लिए दो विभाग और जोड़ दिए गए हैं। जोन वाइज टीमें बना दी गई है। कृषि विभाग, राजस्व विभाग, और पंचायती विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को मिलाकर चार जोन बना दिए गए हैं जो टिड्डी प्रभावित गांवों में पूरी नजर रखेंगे।
कृषि विभाग के निदेशक विजय दहिया के दौरे के बाद चार जोन बनाए जोन एक की टीम नकीपुर क्षेत्र में निगरानी रखेगी। इसमें रणसिंह बीएओ लोहारू, मनोज यादव, दीपक कुमार, अजय कुमार, सुरेंद्र दलाल, ओमप्रकाश, हवा सिंह, रणजीत सिंह और जयसिंह को शामिल किया गया है।
नंबर दो जोन की टीम चैहड़ खुर्द क्षेत्र में निगरानी रखेगी। इसमें सरेंद्र कुमार, अजीत सिंह, सुशील कुमार, सुनील कुमार, मदनलाल, राजेश कुमार, रण सिंह और रमेश सुरेंद्र के नाम शामिल हैं। जोन तीन के कर्मचारी चैहड़ कला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इसमें जयकुमार, प्रदीप कुमार, लोकेश, अमित कुमार, श्रीभगवान, मनोज कुमार, देवेंद्र, अनिल और वीरेंद्र शामिल रहेंगे। जोन चार के कर्मचारी बिधनोई क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इनमें विनोद कुमार, राजबीर, रोशन, संजय कुमार, कपिल कुमार, जोगेंद्र, महेंद्र, विनोद कुमार, रामप्रसाद और ईश्वर सिंह की टीम गठित की गई है। उप कृषि निदेशक डा. प्रताप सिंह सभरवाल ने बताया कि टीम गठित कर चार जोन में बांट दिया गया है। चारों टीम अपने-अपने क्षेत्र में निगरानी रखेंगी। किसानों से भी अपील है कि अगले एक महीने तक हर रोज खेत में जाकर निरीक्षण करें। कहीं टिड्डी द्वारा छोड़े गए अंडे से बच्चे तो नहीं निकल रहे हैं। निकल रहे तो उन्हें वहीं पर निष्कर्ष करें और कृषि अधिकारियों से संपर्क करें।