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जेल से बाहर आए किसान तो कुछ आमरण अनशन पर

जागरण संवाददाता भिवानी किसानों आंदोलन में शामिल होने वाले किसानों को गिरफ्तार करने के

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 05:58 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 05:58 AM (IST)
जेल से बाहर आए किसान तो कुछ आमरण अनशन पर
जेल से बाहर आए किसान तो कुछ आमरण अनशन पर

जागरण संवाददाता, भिवानी:

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किसानों आंदोलन में शामिल होने वाले किसानों को गिरफ्तार करने के साथ कुछ को हिरासत में लिया गया। शुक्रवार रात तक किसानों को छोड़ दिया गया। वहीं, कुछ किसानों ने पुलिस हिरासत में अपने फोटो और बात लिख कर जारी करते हुए आमरण करने की बात कहीं है। उन किसानों का कहना है कि पुलिस ने उनको वीरवार रात को मुंढाल से हिरासत में लिया था। जबकि पुलिस ने किसी किसान को हिरासत में लेने की बात से इन्कार किया है। दूसरी तरफ वीरवार रात को किसानों और पुलिस के बीच तनातनी रही। पुलिस ने किसान आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया। डीसी और एसपी भी शुक्रवार शाम तक मौके पर रहे। भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया है।

किसान आंदोलन के चलते नेशनल हाइवे से दिल्ली की तरफ जाने से रोका जा रहा है। भिवानी के मुंढाल क्षेत्र में पुलिस ने नाका लगाया था। वहां किसानों को रोकने का प्रयास किया गया लेकिन किसान नहीं रूके। वहीं पुलिस पर कुछ युवाओं ने हिरासत में लेने के आरोप लगाते हुए फोटो जारी किए। उसके साथ ही उनकी तरफ से पुलिस हिरासत के दौरान लाइन में रखते हुए आमरण करने की बात कहीं है। युवाओं का कहना है कि उनको छोड़ने के बाद वह सीधा दिल्ली जाएंगे। वह किसान आंदोलन में शामिल होंगे। इसमें आमरण अनशन शुरू करने वालों में राकेश आर्य, अजीत धनाना, संदीप धीरनवास, कर्मवीर मुंढाल, पारस धनाना, विकास श्योराण राखी, संदीप बेनीवाल गदली फतेहाबाद, मिडर बेनीवाल आदमपुर, अजय धनाना और भीम उमरा शामिल हैं। इन किसानों का कहना है कि वो जब तक पुलिस हिरासत में रहेंगे तब तक आमरण अनशन जारी रखेंगे और छूटने के बाद दिल्ली कूच करेंगे। भाकियू के युवा प्रदेश अध्यक्ष जेल से रिहा फोटो नंबर : 31

संवाद सूत्र, ढिगावा मंडी:

भारतीय किसान यूनियन के युवा प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद को तीन दिन पहले उनके निवास स्थान से सुबह 7 बजे हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था। शुक्रवार देर रात जेल से बाहर आने के बाद भाकियू के युवा प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद ने कहा कि उनको किस मामले में जेल में बंद रखा, शारीरिक मानसिक पीड़ा दी गई, कहा अगर किसानों की आवाज उठाना जुर्म है तो ऐसा जुर्म हर रोज करेंगे। कहां अभी से ही रात को किसानों के साथ बैठकर कर रणनीति बनाएंगे और हर हालत में दिल्ली जाएंगे।


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