आदर्श गांव झोझू में मूलभूत सुविधाओं का टोटा, आंदोलन को मजबूर ग्रामीण
झोझू कलां : ग्रामीण विकास के सरकारी दावे धरातल पर दम तोड़ रहे हैं। केवल
संवाद सूत्र, झोझू कलां : ग्रामीण विकास के सरकारी दावे धरातल पर दम तोड़ रहे हैं। केवल कागजों में ही आदर्श गांवों का दर्जा दिया जा रहा है। धरातल पर जन समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार एवं प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाए जा रहे। हम बात कर रहे हैं कस्बा झोझू कलां की। इस गांव को भी सरकार की ओर से आदर्श गांव का दर्जा दिया गया है लेकिन सुविधा के नाम पर शायद ही यहां कुछ नव निर्माण हुआ हो। हालात ये हैं कि गांव में दूषित जलभराव की समस्या भी कई सालों से निरंतर आवागमन में बाधक बनी है। कई बार संबंधित विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों को अवगत कराने के बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। जिससे गांव के लोगों में काफी रोष है और वे परेशान नागरिक सरकार की कार्यशैली को कोस रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि जन सुविधाओं के नाम पर केवल घोषणाएं और आश्वासन ही सरकार की ओर से दिए जाते हैं, धरातल पर कार्य नहीं हो रहे। कस्बा झोझू कलां के कई रास्तों और रामलवास स्टेडियम रोड पर पानी निकासी की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण आने जाने वाले लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कर चुके हैं शिकायत
गांव के लोग सरपंच, एसडीओ, कार्यकारी अभियंता यहां तक कि मुख्यमंत्री से भी इस मामले में कई बार मिल चुके हैं। लेकिन फिर भी समस्या से निजात नहीं मिल रही है। जिला पार्षद भी इस बारे में शिकायत लेकर मुख्यमंत्री से मिल चुके है लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। कस्बे के राजीव गांधी खेल परिसर में आसपास के करीब 100 से ज्यादा खिलाड़ी अभ्यास के लिए आते हैं। जिनको आने जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
आसपास के घरों के साथ जलभराव होने के कारण लोगों को भी विभिन्न बीमारियों का डर सता रहा है। जलभराव के कारण कीचड़ से यह रास्ता सना है इसमें मच्छर इत्यादि पैदा हो रहे हैं। ग्रामीण सुमित, नीटू, राजपाल, महेंद्र, जगबीर, मांगेराम, आजाद, बिल्लू, रघबीर, सूरजभान, बलवान, बलराज, राजेश इत्यादि ने कहा कि इन बदतर हालातों से निजात दिलाने के लिए जल्द ही सकारात्मक कदम उठाए जाने चाहिए, यदि ऐसा नहीं होता है तो ग्रामीण आंदोलन को मजबूर होंगे।