विजयदशमी पर्व पर आश्रम में हवन
जागरण संवाददाता भिवानी सनातन का अर्थ है जो शाश्वत हो सदा के लिए सत्य हो। जिन बातों का
जागरण संवाददाता, भिवानी:
सनातन का अर्थ है, जो शाश्वत हो, सदा के लिए सत्य हो। जिन बातों का शाश्वत महत्व हो वही सनातन है। जैसे सत्य सनातन है। ईश्वर ही सत्य है, आत्मा ही सत्य है, मोक्ष ही सत्य है और इस सत्य के मार्ग को बताने वाला धर्म ही सनातन धर्म भी सत्य है। यह कहना है सिद्धपीठ बाबा जहरगिरी आश्रम के पीठाधीश्वर अंतर्राष्ट्रीय श्रीमहंत अशोक गिरी का। वे रविवार को विजयदशमी पर्व पर आश्रम में हवन यज्ञ कर रहे थे। हवन यज्ञ के दौरान उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में हवन अति जरूरी है।
इस अवसर पर कन्याओं को भोजन भी कराया गया और विजयदशमी के अवसर पर शस्त्र पूजा भी करवाई गई। इस मौके पर श्रीमहंत अशोक गिरी ने बताया कि भारतीय परंपरा अथवा हिदू धर्म में शुद्धीकरण का एक कर्मकांड है कुंड में अग्नि के माध्यम से ईश्वर की उपासना करने की प्रकिया को हवन यज्ञ कहते हैं। हवन में अग्नि प्रज्वलित करने के पश्चात इस पवित्र अग्नि में फल सेहत भी कास्ट प्रदाताओं की आरती प्रमुख होती है। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए बाहर देश में विद्वान लोग याद करते थे और तब हमारे देश में कई तरह के रोग नहीं होते थे। हवन वातावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने की साथ ही अच्छे सेहत के लिए जरूरी है। हवन के दुबे से प्राण में संजीवनी शक्ति का संचार होता है। हवन के माध्यम से बीमारियों से छुटकारा पाने का जिक्र ऋग्वेद में भी है। हवन की पवित्रता के बारे में अशोक गिरी ने बताया कि सेहत के साथ-साथ हवन आध्यात्मिकता भी बनाए रखता है। इस अवसर पर संजय शर्मा, प्रदीप अग्रवाल, कैलाश गिरी, बसंत शास्त्री, दीपक पाठक, विशाल आनंद पांडे, सुरेश सैनी, अमर नाथ और लीला कृष्ण मेहता मौजूद रहे।