किसान भी खुद तय करें उत्पादों की कीमत : कमल ¨सह
संवाद सहयोगी, बाढड़ा : किसान संघर्ष समिति संयोजक कमल ¨सह मांढी ने कहा कि व्यापारी की
संवाद सहयोगी, बाढड़ा :
किसान संघर्ष समिति संयोजक कमल ¨सह मांढी ने कहा कि व्यापारी की तर्ज पर किसान भी अपने खून पसीने से तैयार फसलों, फल सब्जियों व दुग्ध उत्पाद का भाव तय करने लगेगा तो यह वर्ग उन्नत होगा। केन्द्र सरकारों से उपेक्षित किसान वर्ग आगामी एक जून से ग्रामीण भारत बंद में शामिल होकर सरकार को कृषि उत्पादों के भाव में बढ़ोतरी करने पर मजबूर करेगा। यह बात उन्होंने कस्बे में किसान संघर्ष समिति अध्यक्ष मीर ¨सह जेवली की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में किसानों के समक्ष कही। उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश की भाजपा सरकार किसान, गरीब, मजदूर व कमेरे वर्ग के साथ हर मामले में सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश की भाजपा सरकार केवल उद्योगपतियों के कर्जे माफ कर रही है। देश का किसान अपनी फसलों को बेचने के लिए चार पांच दिन मंडियों के गेट पर खड़ा है वहीं उसके नाम पर कृषि कार्यक्रमों का आयोजन कर सरकार में बैठे उच्चाधिकारी सरकारी पैसे से मौज उड़ा रहे हैं। किसान वर्ग की दयनीय हालात होने से उसके भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। मीर ¨सह जेवली ने कहा कि भाजपा सरकार में बेरोजगारी चरम पर है वहीं चयन बोर्डो की कार्यवाही भी संदेह के घेरे में आ गई है। मंडियों में सरसों खरीद कार्य पूरी तरह डगमगा गया है और किसानों को मजबूरीवश बिचौलियों को अपना अनाज बेचना पड़ रहा है। किसान नेता विद्यानंद हंसावास, उमेद ¨सह जेवली, रणधीर पीटीआई, दिलबाग गोपी इत्यादि भी मौजूद थे।