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हरियाणा में मौसम को ध्यान में रखते हुए 10 अक्टूबर के बाद सरसों की फसल की बिजाई करें किसान

सरसों की खेती कम पानी में अच्छी पैदावार दे सकती है। पिछले दो साल से सरसों के भाव भी ठीक ठाक मिल रहे हैं और यह लगातार समर्थन मूल्य से उपर बिक रही है। सरसों रबी सीजन में उगाई जाने वाली महत्वपूर्ण फसलों में से एक है।

By Jagran NewsEdited By: Manoj KumarPublished: Fri, 07 Oct 2022 09:39 AM (IST)Updated: Fri, 07 Oct 2022 09:39 AM (IST)
हरियाणा में मौसम को ध्यान में रखते हुए 10 अक्टूबर के बाद सरसों की फसल की बिजाई करें किसान
सरसों की फसल के अच्छे उत्पादन के लिए 20 से 25 सेल्सियस तापमान में करें बिजाई

मदन श्योराण, ढिगावा मंडी। प्रदेश में रबी की फसलों में सरसों का महत्वपूर्ण स्थान है। सरसों की खेती की ख़ासियत यह है कि यह कम पानी में अच्छी पैदावार दे सकती है। पिछले दो साल से सरसों के भाव भी ठीक ठाक मिल रहे हैं और यह लगातार समर्थन मूल्य से उपर बिक रही है। सरसों रबी सीजन में उगाई जाने वाली महत्वपूर्ण फसलों में से एक है। हरियाणा में सरसों प्रमुख रूप से भिवानी, हिसार, सिरसा, मेवात, महेन्द्रगढ़ और रेवाड़ी  जिलों में बिजाई की जाती है। किसान कृषि अधिकारियों की सलाह से सरसों उगाकर कम खर्च में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

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सरसों की अच्छी पैदावार के लिए खेत की तैयारी

सरसों के लिए भुरभुरी मिट्टी, बलुई दोमट मृदा सर्वाधिक उपयुक्त होती है। यह फसल हल्की क्षारीयता को सहन कर सकती है। इसके लिए खरीफ की कटाई के बाद एक गहरी जुताई करनी चाहिए तथा इसके बाद तीन चार बार और जुताई करना लाभप्रद होता है। नमी संरक्षण के लिए हमे पाटा लगाना चाहिए।

सरसों की उन्नत किस्में

अगेती सरसों की बिजाई करते समय किसान अगेती किस्मों का चयन करें जैसे आरएच 8822, आरएच 749, आरएच 725, आरएच 30 आदि बीजों की बिजाई करें। बीज खरीदते समय ये ध्यान रखें की वो किस्म हमारे के लिए अनूकूल और सिफरिशशुदा है के नहीं। ये भी ध्यान रखें कि सिफारिश से ज्यादा उर्वरकों के प्रयोग से बचें क्योंकि अनावश्यक उर्वरकों के प्रयोग से पैदावार में बढ़ोतरी नहीं होती बल्कि जमीन का स्वास्थ्य और पानी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है।

सिंचाई

प्रथम सिंचाई बुबाई के 35 से 40 दिन बाद एवं द्वितीय सिंचाई दाने बनने की अवस्था में करें।

खरपतवार नियंत्रण

सरसों के साथ अनेक प्रकार के खरपतवार उग आते हैं. इनके नियंत्रण के लिए निराई गुड़ाई बुवाई के तीसरे सप्ताह के बाद से नियमित अन्तराल पर 2 से 3 बार करना आवश्यक होता है।

---कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ.आत्माराम गोदारा ने बताया कि सरसों फसल बिजाई से पूर्व मौसम को ध्यान में रखते हुए खेत में नमी का विशेष ध्यान रखें।  उन्होंने बताया कि मौसम को देखते हुए सरसों फसल की बुआई का समय 10 अक्टूबर से लेकर 25 अक्टूबर तक है।  इसके बावजूद भी यदि कोई किसान साथी किसी कारणवश इस समय के दौरान बुवाई नहीं कर पाते हैं तो वे 10 नवम्बर तक अच्छी क्वालिटी के बीज का चयन करके सरसों की बिजाई कर सकते हैं।


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