फैबरिक की फैक्ट्री में आग, 17 साल की मेहनत स्वाह
जागरण संवाददाता भिवानी औद्योगिक क्षेत्र सेक्टर-26 में स्थित फैबरिक फैक्ट्री में शनिवार सुबह
जागरण संवाददाता, भिवानी: औद्योगिक क्षेत्र सेक्टर-26 में स्थित फैबरिक फैक्ट्री में शनिवार सुबह आग लग गई। आग भीषण होने के कारण आग बुझाने में जिले की गाड़ियां कम पड़ गई। इसके लिए हांसी और दादरी की मदद लेनी पड़ी। रास्ता नहीं मिलने पर जेसीबी की मदद से दीवार तोड़कर आग बुझाने की कोशिश की। 10 घंटे की मशक्कत के बाद काबू पाया।
फैक्ट्री तीन दिन से बंद थी और घटना के समय चौकीदार गेट से बाहर निकला था। आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। 17 साल पहले फैबरिक तैयार करने के लिए शुरू हुई यह फैक्ट्री काम नहीं होने के कारण बंद की हुई थी। फोन व्यस्त होने और फिर नहीं मिलने के कारण सूचना मालिकों के घर जाकर दी गई।
सेक्टर-13 निवासी संजय कक्कड़ ने सेक्टर-26 में 2003 में गोपाल जी नॉन वूवन फैबरिक फैक्ट्री शुरू की। शुरू में काम अच्छा चला। तेजी से फैक्ट्री में तरक्की हुई। कोरोना कॉल शुरू हुआ तो काम में मंदी आ गई। कभी फैक्ट्री चलती तो कभी बंद होती। अब फैबरिक की मांग कम होने और काम नहीं होने के कारण तीन दिन से फैक्ट्री बंद कर दी गई। फैक्ट्री में सिर्फ चौकीदार था। घटना के समय चौकीदार फैक्ट्री के बाहर निकला था तो कुछ ही देर में आग की लपटे बाहर निकलती दिखाई थी। चौकीदार आग पर अकेला काबू नहीं पा सकता था। उसने तुरंत फैक्ट्री मालिक को सूचना दी। सूचना मिलने पर मालिक संजय और परिवार के अन्य लोग फैक्ट्री की तरफ भागे। उसी दौरान उनकी तरफ से अग्निशमन विभाग को सूचना देने के लिए फोन किया तो वह नहीं मिला। कभी वह व्यस्त दिखाता तो संजय और अन्य लोग तुरंत अग्निशमन विभाग के कार्यालय पहुंचे और उनको घटना की जानकारी दी। दो गाड़ी मौके पर पहुंची और आग बुझानी शुरू की। फैबरिक होने के कारण आग तेजी से फैल गई थी। आग की लपटे दीवार से बाहर आ रही थी। कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। फैक्ट्री मालिक का भाई बोला- आग का कारण शार्ट सर्किट
फैक्ट्री मालिक के भाई पार्षद हर्षदीप ने बताया कि आग लगने का प्राथमिक कारण शार्ट सर्किट लग रहा है। उन्होंने कहा कि आग बुझाने के लिए दमकल को कहीं से रास्ता नहीं मिला। दीवार तोड़कर रास्ता बनाने के लिए जेसीबी मंगवा कर दीवार तोड़ी। इसके बाद आग बुझाने का काम तेज किया। दमकल की गाड़ियां पड़ गई कम
आग बुझाने के काम में भिवानी दमकल की पांच गाड़ी लगी रही, लेकिन आग भीषण होने के कारण काबू नहीं पाया जा सका। इसके बाद हांसी से तीन और दादरी से एक और दमकल को बुलाया गया। आग बुझाने के लिए दमकल की कुल नौ गाड़ियां और करीब 40 कर्मचारी लगे रहे। इसके बाद करीब दस घंटे में काबू पाया गया। फैक्ट्री मालिक की तबीयत बिगड़ी
हादसे का पता चलते ही संजय फैक्ट्री पहुंच गए थे। 17 साल पहले शुरू हुई फैक्ट्री को खत्म होते हुए उनसे देखा नहीं देखा। इससे उनकी तबीयत भी खराब हो गई। परिवार के लोगों ने संजय को संभाला। संजय बोल रहे थे, सब एक शॉट सर्किट से स्वाह हो गया। बिल्डिंग भी खत्म। दोबारा कैसे होगा। संजय ने बताया कि थैले बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले फैबरिक वह तैयार करते थे। अभी काम कम था तो तीन से फैक्ट्री बंद थी। उनका शक है कि पैनल में शार्ट सर्किट हुए तो आग लगी। फैबरिक होने के कारण आग तेजी से फैली और कंट्रोल नहीं हो पाई।