एनएमसी बिल के विरोध में डाक्टरों ने की हड़ताल, स्वास्थ्य सेवाएं रही बाधित
भिवानी एनएमसी बिल के विरोध में आइएमए की हड़ताल के चलते शहर के करीब
जागरण संवाददाता, भिवानी : एनएमसी बिल के विरोध में आइएमए की हड़ताल के चलते शहर के करीब 40 प्राइवेट अस्पताल बंद रहे। जिसके चलते करीब पांच हजार मरीज इलाज के लिए भटकते रहे। इलाज न मिलने से परेशान मरीजों को नाखुश होकर वापस लौटना पड़ा। वहीं आइएमए के पदाधिकारियों व सदस्यों ने हड़ताल व प्रदर्शन करते हुए एनएमसी बिल के विरोध में उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा।
बुधवार को एनएमसी बिल के विरोध में देशभर के चिकित्सक हड़ताल पर रहे। आइएमए की हड़ताल में शामिल चिकित्सकों ने भिवानी शहर में अपने करीब 40 अस्पताल बंद रखे। इन प्राइवेट अस्पतालों में हर रोज करीब तीन हजार से अधिक मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं। वहीं बुधवार को चौ. बंसीलाल नागरिक अस्पताल की भी छुट्टी रही। जिला अस्पताल में हर रोज करीब डेढ़ से दो हजार मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं। सुबह के समय जिला अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों ने प्राइवेट अस्पतालों की ओर रुख किया। जब उन्हें प्राइवेट अस्पताल भी बंद मिले तो आखिरकार परेशान मरीज बिना उपचार के ही घर लौट गए।
आइएमए के आह्वान पर एनएमसी बिल के विरोध में भिवानी में चिकित्सक हड़ताल पर रहे। मेडिकल छात्रों, पीजी डाक्टरों, प्रदेश आइएमए इकाइयों द्वारा भूख हड़ताल धरने, प्रदर्शन, नारेबाजी व प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे गए। देश के अन्य चिकित्सकों की तरह ही भिवानी आइएमए सदस्यों द्वारा 31 जुलाई की सुबह 6 बजे से ही सभी अस्पतालों की ओपीडी बंद रखी। हालांकि मानवता के नाते गंभीर रोगियों की इमरजेंसी सेवाओं में छूट दी गई।
आइएमए भिवानी के सभी सदस्यों ने विरोध हड़ताल रखते हुए चिड़ियाघर रोड स्थित एक रेस्तरां में एकत्रित होकर लंबी मंथन सभा की। सभी ने विस्तारपूर्वक एनएमसी बिल के गलत प्रावधानों का विरोध किया। ये है एनएमसी बिल
प्रधान डा. रणवीर पंघाल व सचिव डा. मुकेश पंवार ने बताया कि इस बिल के प्रदेश सभा में भी पास होने पर 50 प्रतिशत एमबीबीएस सीटों पर प्राइवेट मेडिकल कालेजों का कब्जा हो जाएगा। प्राइवेट मेडिकल कालेज मनमानी फीस वसूलेंगे और केवल धनाढ्य परिवार के बच्चों का ही दाखिल हो पाएंगे। मेधावी व गरीब परिवार के बच्चे जो करोड़ों रुपये की फीस देने में असमर्थ होंगे वो दाखिले से वंचित रहेंगे। प्रदेश उपप्रधान डा. करन पूनिया ने बताया कि नेक्स्ट नामक परीक्षा पास न करने पर 5 साल की मेडिकल पढ़ाई किया हुआ छात्र केवल 12वीं पास ही रह जाएगा। बिल के मुताबिक एमबीबीएस की 80,000 सीटों में से 36,000 सरकारी कालेजों को जाएंगी और 44,000 सीटें प्राइवेट कालेजों को। जिससे कि प्राइवेट कालेजों की मनमानी होगी व उनका ही आधिपत्य कहलायेगा। सभा के बाद शिष्टमंडल ने उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ये रहे शामिल
हड़ताल में आइएमए के जिला अध्यक्ष डा. रणवीर पंघाल, सचिव डा. मुकेश पंवार, लायंस क्लब अध्यक्ष व आइएमए हरियाणा प्रदेश के उप प्रधान डा. करन पूनिया व डा. वन्दना पूनिया, सचिव डा. अनिता पंवार, वित्त सचिव डा. संतोष पंघाल, पूर्व विधायक डा. शंकर भारद्वाज, डा. जितेंद्र गांधी, डा. त्रिलोकी गुप्ता, डा. प्रेम चराया, डा. एमएल शर्मा, डा. पवन गोयल, डा. सुभाष अग्रवाल, डा. आरपी शर्मा, डा. केएम गोयल, डा. स्वस्ति शर्मा, डा. एसके बंसल, डा. रमेश अरोड़ा, आदि शामिल रहे।