चौपाल पर चर्चा : प्रत्याशी कैसा भी हो, प्रधानमंत्री मजबूत होना चाहिए
जागरण संवाददाता चरखी दादरी तापमान के साथ चुनाव को लेकर सियासी पारा भी बढ़ता दिखाई द
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :
तापमान के साथ चुनाव को लेकर सियासी पारा भी बढ़ता दिखाई देने लगा है। विशेषकर दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में जब भी फुरसत के पलों में कुछ ग्रामीण एक स्थान पर बैठकर बातचीत शुरू करते हैं तो ले देकर चर्चा चुनावी माहौल पर आकर ठहर जाती है।
ऐसा ही नजारा गांव झिझर के समीप दादरी की ओर जाने वाली सड़क के साथ बैठे कुछ किसानों के बीच दिखाई दिया। खेतों में गेहूं की कटाई करने के साथ-साथ जब वे कुछ समय के लिए एक जगह बैठे तो बातचीत का केंद्र चुनावी दिखाई दिया। वहां से गुजर रहे दैनिक जागरण संवाददाता ने उनकी भावनाओं को जानने का प्रयास किया तो सभी ने अपनी बात कही। वहां बैठे किसान बिजेंद्र ने कहा कि इस क्षेत्र में सेम की समस्या के समाधान के लिए पूर्व मंत्री किरण चौधरी ने काफी प्रयास किए हैं। उसका कुछ न कुछ फायदा उनकी बेटी श्रुति को मिल सकता हैं। दूसरी ओर उसके साथ बैठे युवा किसान सोनू ने कहा कि प्रत्याशी चाहे अच्छे हो या बुरे हो लेकिन इस बार केंद्र में मजबूत प्रधानमंत्री बनना जरूरी हैं। इस बार जनता नरेंद्र मोदी के नाम पर एक बार फिर से समर्थन देगी। वहीं किसान गजानंद ने कहा कि क्षेत्र में कांग्रेस का काफी प्रभाव है।
इस पर शिव कुमार ने कहा कि यह केंद्र का चुनाव है विधानसभा का नहीं। राष्ट्रीय सुरक्षा का अधिक महत्व है। इसलिए दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने वाला प्रधानमंत्री चाहिए। इसी बीच किसान अजीत सिंह के मुताबिक
मतदान 12 मई को होगा और जैसे-जैसे चुनाव का वक्त नजदीक आएगा तब तक मुद्दे बदल जाएंगे। लोग स्थानीय मुद्दों को तवज्जों न देकर केंद्र में बनने वाली सरकार की तरफ केंद्रित होते जाएंगे।
इस दौरान गांव झिझर के किसानों की एक राय जरूर थी वोट चाहे किसी को दें लेकिन आपसी सदभावना, भाईचारा बना रहना चाहिए।
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पांच हजार मतदाता हैं झिझर में
भिवानी-महेंद्रगढ़ संसदीय क्षेत्र के तहत दादरी विधानसभा क्षेत्र के गांव झिझर में करीब 5 हजार मतदाता हैं। यह गांव यहां का काफी पुराना गांव है। इसमें जाट व ब्राह्मण समुदाय के मतों की संख्या अच्छी खासी हैं। इसके अलावा पिछड़े व अनुसूचित वर्ग के मतदाता भी हर चुनाव में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। वैसे गांव के सभी लोग मिलजुल कर रहते हैं। अक्सर सामूहिक समस्याओं के लिए एकजुट भी हो जाते हैं।