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फिर उठी फरूखनगर से दादरी रेल लाइन का पुन: सर्वे करवाने की मांग

सचिन कुमार, चरखी दादरी : फरूखनगर वाया झज्जर से दादरी के बीच करीब ढ़ाई वर्ष पूर्व ह

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Jan 2018 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 22 Jan 2018 03:00 AM (IST)
फिर उठी फरूखनगर से दादरी रेल लाइन का पुन: सर्वे करवाने की मांग
फिर उठी फरूखनगर से दादरी रेल लाइन का पुन: सर्वे करवाने की मांग

सचिन कुमार, चरखी दादरी :

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फरूखनगर वाया झज्जर से दादरी के बीच करीब ढ़ाई वर्ष पूर्व हुए रेल लाइन सर्वे को दोबारा से करवाने तथा इसे बाढड़ा तक बढ़ाने की मांग को लेकर यहां सरगर्मियां बढ़ती जा रही है। माना जा रहा है इस रेलवे लाइन का दोबारा सर्वे जिले के विकास के लिए एक अहम कदम साबित हो सकता हैं। इसी तरह से भिवानी से लोहारू के बीच हुए रेलवे लाइन सर्वे को भी पुन: करवाते हुए इसकी सीमा का दायरा बाढड़ा तक कर दिया जाता है तो क्षेत्र के लाखों लोगों को सीधा लाभ मिल सकता है। यदि ऐसा होता है तो यहां के आर्थिक, व्यापारिक, औद्योगिक हालातों में बदलाव होने के पूरे आसार है। इसके अलावा राजस्थान, लोहारू व दादरी जिले के लोगों के लिए दिल्ली, गुरूग्राम का आवागमन भी सुगम हो जाएगा। गौरतलब हैं कि पिछली सरकार के समय फरूखनगर वाया झज्जर से दादरी, झज्जर रेलवे लाइन के सर्वे को मंजूरी दी गई थी। इसी दौरान केंद्र व प्रदेश में सरकार बदलने पर करीब ढ़ाई वर्ष पूर्व मौजूदा सरकार द्वारा फरूखनगर व दादरी के बीच रेलवे लाइन के लिए सर्वे तो करवाया गया, लेकिन यह सर्वे दादरी तोए की बजाय वाया बादली करवाया गया। रेलवे सर्वे वाया बादली होने के आधार पर अधिकारियों द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के तथ्यों के आधार पर रेलवे विभाग द्वारा इस रेल लाइन के प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

सर्वे को बाढ़डा तक बढ़ाने की मांग

रेलवे द्वारा ठंडे बस्ते में ड़ाले गए फरूखनगर-दादरी रेल लाइन सर्वे को दोबारा बाढ़डा तक करवाए जाने की मांग फिर से उठने लगी हैं। सर्वे को फरूखनगर से दादरी वाया दादरी तोए, सिलाना, सिलानी, झज्जर, ग्वालिसन, एमपी माजरा, छुछकवास, मातनहेल, बिरोहड़, खाचरौली, दादरी, मानकावास, बिरहीं-अटेला, बिलावल होते हुए बाढ़डा तक करने की मांग की हैं।

भिवानी-लोहारू रेल लाइन का हुआ सर्वे

जानकारी के अनुसार कुछ समय पूर्व भिवानी से लोहारू रेल लाइन का सर्वे भी रेलवे विभाग द्वारा करवाया गया था। इस सर्वे को भिवानी से लोहारू वाया लोहाणी व जुई किया गया था। ऐसे में रेलवे द्वारा यदि भिवानी से लोहारू रेल लाइन सर्वे को दोबारा से वाया बाढ़डा किया जाए तो यह कदम विकास में काफी कारगर सिद्ध हो सकता हैं। गौरतलब हैं कि भिवानी से लोहारू वाया लोहाणी व जुई की दूरी करीब 60 किलोमीटर की हैं। लेकिन यदि विभाग द्वारा इस रेल लाइन को वाया बाढ़डा किया जाता हैं तो भी इसकी लम्बाई में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। भिवानी से लोहारू वाया बाढ़डा की रेल लाइन की दूरी भी करीब 60 किलोमीटर ही रहेगी। यदि ऐसा होता हैं तो रेलवे पर कोई अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ेगा।

रिपोर्ट में दिया था नुकसान का हवाला

सूत्रों की मानें तो फरूखनगर से दादरी के बीच वाया बादली सर्वे में सर्वे करने वाले अधिकारियों ने इस रूट पर कम गांव व कम सवारियां होने का हवाला दिया हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि वाया बादली यदि रेल लाइन बिछाई जाती हैं तो इस रूट पर बहुत कम गांव आऐंगे। जिससे यात्रियों की संख्या भी कम रहेगी। ऐसे में इस रूट पर रेलगाड़ी दौड़ाना रेलवे के लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता हैं।

मिलिट्री के कैंप भी हैं राजस्थान में

गौरतलब हैं कि पाकिस्तान के साथ सटे होने के कारण राजस्थान के कई क्षेत्रों में मिलिट्री के कैंप हैं। राजस्थान व हरियाणा की सीमा पर स्थित लोहारू को यदि वाया दादरी फरूखनगर व गुरूग्राम से जोड़ दिया जाता हैं तो मिलिट्री अधिकारियों को भी दिल्ली तक आने-जाने में सीधी रेल सेवा मिल सकती हैं। जो कि उनके आवागमन को आसान बना सकती हैं।

जल्द रेल मंत्री से मिलेंगे : राजदीप

दादरी के विधायक राजदीप फौगाट ने कहा कि फरूखनगर से दादरी व बाढ़डा वाया दादरी तोए रेल लाइन के दोबारा से सर्वे के लिए जल्द ही क्षेत्र के लोगों के साथ मिलकर बैठक का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में जल्द ही केंद्रीय रेल मंत्री से भी समय लेकर क्षेत्र की इस मांग को पूरे जोर शोर से उनके समक्ष रखा जाएगा। विधायक राजदीप ने कहा कि यदि फरूखनगर से दादरी व बाढ़डा तक रेल लाइन को मंजूरी मिल जाती हैं तो क्षेत्र के लोगों को काफी फायदा होगा।

क्षेत्र को मिलेगी नई पहचान : सुख¨वद्र

बाढ़डा के विधायक सुख¨वद्र मांढी से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि यदि सरकार द्वारा इस प्रकार के प्रोजेक्ट पर काम किया जाता हैं तो बाढ़डा क्षेत्र को एक नई पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि बाढ़डा क्षेत्र में रेल लाइन आने से यहां पर विकास के नए द्वार खुलेंगे। मांढी ने कहा कि इस बारे में प्रपोजल बनाकर सरकार को भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि फरूखनगर से बाढ़डा तथा भिवानी-लोहारू रेलमार्ग को वाया बाढ़डा किया जाता हैं तो राजस्थान के पिलानी, राजगढ़, सीकर, बीकानेर तक का आवागमन आरामदायक हो जाएगा।

दूरी होगी कम, विकास होगा

रेलवे लाइन सर्वे पर काफी समय से अध्ययन कर रहे गांव खाचरौली निवासी अनुज शर्मा ने बताया कि यदि फरूखनगर-दादरी सर्वे को वाया दादरी तोए किया जाता हैं तो इस रूट की दूरी मात्र 60 किलोमीटर की रह जाएगी। जबकि फरूखनगर-दादरी रूट को वाया बादली किया जाता हैं तो इस रूट की दूरी लगभग 73 किलोमीटर हो जाती हैं। ऐसे में रेलवे द्वारा जल्द ही फरूखनगर-दादरी लाइन के सर्वे को वाया दादरी तोए करते हुए बाढ़डा तक बढ़ा दिया जाता हैं और भिवानी-लोहारू लाइन के सर्वे को भी वाया बाढ़डा कर दिया जाता हैं तो ये दोनो रेल लाइन मिलकर क्षेत्र के विकास में नया आयाम स्थापित करेंगी।


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