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संगठित अपराध के रूप में सामने आ रही है साइबर धोखाधड़ी, पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

जागरण संवाददाता चरखी दादरी इंटरनेट के मौजूदा युग में लगभग सभी व्यक्ति कंप्यूटर मोबाइल के

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 07:49 AM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 07:49 AM (IST)
संगठित अपराध के रूप में सामने आ रही है साइबर धोखाधड़ी, पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : इंटरनेट के मौजूदा युग में लगभग सभी व्यक्ति कंप्यूटर, मोबाइल के माध्यम से इंटरनेट का प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे में अपराधी साइबर धोखाधड़ी को एक संगठित अपराध के रूप में अंजाम दे रहे हैं। साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए लोगों को सावधान व सुरक्षित रहने की जरूरत है। इसी के चलते दादरी जिला पुलिस ने सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में दिए गए नियमों की पालना कर साइबर धोखाधड़ी की वारदातों का शिकार होने से बचा जा सकता है। इसके साथ ही पुलिस द्वारा हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। दादरी जिला पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि पिछले कुछ समय से दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए लोगों का रूझान आनलाइन की तरफ बढ़ता जा रहा है। लगभग सभी लोगों के पास कंप्यूटर, मोबाइल फोन हैं। वर्तमान में नौकरी व पढ़ाई भी मोबाइल, कंप्यूटर जैसे तकनीकी संसाधनों से जुड़ गई है। इस स्थिति में अपराधी साइबर धोखाधड़ी को संगठित अपराध के रूप में अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को इन वारदातों से बचाने के लिए दादरी जिला पुलिस द्वारा समय-समय पर लोगों को जागरूक भी किया जाता है। ये सावधानियां बरतें

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पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार ने कहा कि इन दिशा-निर्देशों को अपनाकर साइबर ठगी से बचा जा सकता है : - वन टाइम पासवर्ड, ओटीपी, यूपीआइ, एमपिन, एटीएम पिन व सीवीवी फोन काल, मैसेज या अन्य किसी भी माध्यम से किसी के भी साथ साझा न करें। - क्नो योर कस्टमर केवाइसी के लिए संदेश पर ध्यान न दें और न ही संदेश में दिए गए मोबाइल नंबर पर काल करें। - एसएमएस, व्हाट्सएप पर आए किसी भी लिक पर क्लिक न करें। साथ ही ये भी ध्यान रखें कि रुपये कभी भी रिसीव नहीं किए जाते। जब भी कोई हमें ई-वालट के माध्यम से रुपये भेजता है तो वे अपने आप ही बैंक खाते में जमा हो जाते हैं और बैंक से हमारे मोबाइल नंबर पर संदेश आता है। - किसी के कहने पर रिमोट एक्सेस एप्लीकेशन जैसे क्विक सपोर्ट, एनी डेस्क, टीम वीवर इत्यादि को प्ले स्टोर से डाउनलोड न करें और ना ही इसके आइडी व पासवर्ड किसी को बताएं। - फोन, ईमेल, एसएमएस, व्हाट्सएप या अखबारों में दिए गए नौकरी, लाटरी, पोलिसी बोनस, सस्ते लोन इत्यादि के विज्ञापनों पर भरोसा न करें तथा विज्ञापनों में दिए गए पेटीएम या बैंक खातों में रुपये न डलवाएं। - ओएलएक्स या अन्य आनलाइन शोपिग एप पर सामान खरीदते व बेचते समय रिक्वेस्ट मनी लिक का इस्तेमाल न करें। - आनलाइन शोपिग एप पर खरीददारी करते समय प्राप्त होने वाली कोरियर स्लिप व बिल की जांच संबंधित कोरियर कंपनी से जरुर करवाएं। - एटीएम से रुपये निकालते या जमा करवाते समय किसी अनजान व्यक्ति की सहायता न लें। - बिना सिक्योरिटी गार्ड वाले एटीएम को इस्तेमाल करने से बचें तथा एटीएम पिन को हाथ से छिपाकर डालें। - एटीएम पिन को समय-समय पर बदलते रहें। - फेसबुक, मैसेंजर, व्हाट्सएप इत्यादि इंटरनेट मीडिया के खातों का पासवर्ड समय-समय पर बदलते रहें। - फेसबुक, मैसेंजर, व्हाट्सएप, पेटीएम, फोनपे, गूगलपे इत्यादि एप्लीकेशन्स को निर्धारित समयानुसार अपडेट करते रहें। - फेसबुक, मैसेंजर, व्हाट्सएप इत्यादि के माध्यम से रुपयों की मांग पर भरोसा न करें। रुपये देने से पहले फोन कर या व्यक्तिगत रूप से मिलकर तसल्ली करें। - गूगल पर सर्ज किए गए कस्टमर केयर नंबर का इस्तेमाल न करें। ऐसा करने से धोखाधड़ी की संभावनाएं बढ़ जाती है। - पासवर्ड को हमेशा मजबूत बनाएं। जिसमें छोटे-बड़े अक्षर, गिनती, विशेष चिह्नों का इस्तेमाल जरूर करें। 155260 पर दें सूचना : एसपी

पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार ने कहा कि जिला पुलिस द्वारा लोगों को साइबर अपराधों से बचाने के लिए समय-समय पर जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति साइबर अपराध का शिकार हो जाता है तो वह राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल पर साइबर क्राइम वेबसाइट, सरकार द्वारा जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर 155260 पर या फिर नजदीकी पुलिस थाने में जाकर शिकायत दर्ज करवा सकता है।


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