पार्षदों ने लगाए एक साल से ग्रांट न देने के आरोप
जागरण संवाददाता, भिवानी : सोमवार को जिला परिषद कार्यालय में हुई पार्षदों की बैठक काफी ह
जागरण संवाददाता, भिवानी : सोमवार को जिला परिषद कार्यालय में हुई पार्षदों की बैठक काफी हंगामेदार रही। बैठक में पार्षदों ने एकबार फिर से ग्रांट वितरण में भेदभाव के आरोप जड़े और कार्यालय को ताला जड़ने की धमकी तक दे डाली। हालांकि सीईओ रविन्द्र कुमार ने असंतुष्ट पार्षदों को ग्रांट में भेदभाव समाप्त करने का आश्वासन देते हुए कहा कि वे उन्हें एक माह का समय दें। सब कुछ ठीक कर दिया जाएगा। उनके इस आश्वासन के बाद असंतुष्ट पार्षद शांत हो गए।
बैठक की अध्यक्षता जिला परिषद चेयरमैन रमेश ओला ने की, जबकि सीईओ रविन्द्र कुमार ने संचालन किया। बैठक में सभी पार्षदों से अपनी-अपनी राय देने को कहा गया तो असंतुष्ट पार्षदों ने पिछले एक साल से ग्रांट नहीं मिलने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया।
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इन पार्षदों ने किया हंगामा
बैठक में पार्षद नरेन्द्रराज गागड़वास, राजबाला श्योराण, मनोज यादव, सिलोचना पोटलिया, बलवान बागड़ी व महेन्द्र सोनी सहित कई पार्षदों ने आरोप लगाया कि पिछले एक वर्ष से ग्रांट नहीं मिल रही है और इस कारण गांवों में कोई भी विकास कार्य नहीं करवाया जा रहा है। पार्षद सुलोचना पोटलिया ने शुरूआत में ही हंगामा खड़ा करते हुए आरोप लगाया कि सीईओ साहब हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। न ही कोई ग्रांट मिल रही है। उनके साथ ही पार्षद मनोज यादव व नरेन्द्रराज गागड़वास ने भी भेदभाव के आरोप लगाते हुए हंगामा किया।
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ग्रांट देने की बजाए चाय व समोसे खिलाकर राजी करने की कोशिश की जा रही है : गागड़वास
जिला पार्षद नरेन्द्रराज गागड़वास ने कहा कि पिछले एक वर्ष से ग्रांट नहीं दी जा रही है। अधिकारी आते हैं और चले जाते हैं। बैठकों में पार्षदों को समोसे व चाय पिलाकर भेज दिया जाता है, जबकि ग्रांट नहीं मिलने से ग्रामीण एरिया का विकास थम गया है। उन्होंने कहा कि लोगों के हमारे पास ग्रांट के लिए फोन आते हैं। अब चेयरमैन व सरकार बताए कि लोगों को पार्षद क्या जवाब दें। जिला परिषद के पास 8 करोड़ रुपये पिछले एक साल पहले से आए हुए हैं। लेकिन न जाने क्यों यह राशि विकास कार्यो के लिए जारी नहीं की जा रही है।
वर्जन:
नए सीईओ रविन्द्र कुमार ने पार्षदों से रूबरू होने के लिए बैठक बुलाई थी। हालांकि कुछ पार्षदों के ग्रांट को लेकर कुछ इश्यू थे, जिन्हें ठीक करने का आश्वासन दिया गया है।
बलजीत चहल, डिप्टी सीईओ, जिला परिषद