सड़कों पर सफाई, आसपास पेड़-पौधे, गांव को पंचायत सशक्तीकरण का अवॉर्ड
मदन श्योराण ढिगावा मंडी गांव सिंघानी आबादी नौ हजार। बाहर से आएंगे तो गांव अलग तरह क
मदन श्योराण, ढिगावा मंडी:
गांव सिंघानी, आबादी नौ हजार। बाहर से आएंगे तो गांव अलग तरह का नजर आएगा। कारण आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित पंचायत। बेहतरीन संचालन। हर रास्ते पर सफाई। पेड़-पौधे। आधुनिक ग्राम पंचायत। इसी के फलस्वरूप सरकार ने सिघानी की पंचायत को दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण से सम्मानित किया। यह सम्मान प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और पंचायत विभाग के मंत्री दुष्यंत चौटाला ने सरपंच सुरेंद्र राठी को दिया।
सरकार की तरफ से दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार देश में तीन पंचायतों को दिया जाता है। गांव के विकास देखते हुए उनको यह पुरस्कार दिया। सरपंच सुरेंद्र ने बताया कि पंचायतों को सशक्त करने के लिए सरकार ने यह पुरस्कार शुरू किया था। गांव को ऊपर ले जाने और स्वच्छ बनाने की दृष्टि से काम किए गए। गांव की एक अलग पहचान इनाम मिलने के बाद बन गई है। उन्होंने बताया गांव में करीब 3.5 करोड़ रुपये के विकास कार्य हुए हैं। सुरेंद्र ने कहा कि उनका प्रयास नया करने की रहती है। पंचायतों को मिलने वाली सरकार से मदद के सहारे सभी अपने गांव को बेहतर बना सकते है। उन्होंने कहा कि गांव में बेहतर काम करने के साथ आधुनिक ग्राम सचिवालय का निर्माण करवाया गया है जहां लोगों के ऑनलाइन कार्य किए जाते हैं। यह है गांव का इतिहास
शहर से 45 किलोमीटर दूर लोहारू हलके के नेशनल हाइवे 709 पर स्थित है। ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय खेतीबाड़ी और पशुपालन है। गांव सिघानी में एक पानी का कोठा न्याय के नाम से भी प्रसिद्ध है, वर्षों पहले लोग दूर दराज से गांव में न्याय के लिए आते थे। न्यायिक पानी के कोठे का फैसला नवाब को भी मान्य था। लोहारू के इतिहास में 8 अगस्त 1935 को 23 लोगों ने सिघानी गांव में नवाबी गोलियों का सामना करते हुए शहादत दी थी।