11 माह बाद लगी तीसरी से पांचवीं तक की कक्षाएं, 50 फीसद रही उपस्थिति
कोरोना महामारी के बाद लगे लॉकडाउन से 11 माह से बंद पड़े
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी: कोरोना महामारी के बाद लगे लॉकडाउन से 11 माह से बंद पड़े जिले के सरकारी व निजी प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा विभाग के आदेशों के बाद बुधवार को तीसरी से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों की कक्षाएं शुरू कर दी गई। जिले में करीब 50 फीसद बच्चों की उपस्थिति रही। खास बात यह भी रही कि अमूमन स्कूलों में जाने से परहेज करने वाले व छुट्टियों को पर्व के रूप में समझने वाले छोटे बच्चों में काफी उत्साह व उमंग का माहौल दिखाई दिया। लंबे अंतराल के बाद सुबह से ही बच्चे स्कूल जाने की तैयारियों में लगे हुए थे।
अध्यापकों ने बालकों की थर्मल स्कैनिग के साथ सैनिटाइज के बाद कक्षा में प्रवेश दिया गया। कुछ बच्चों के पास मेडिकल जांच रिपोर्ट न होने के कारण उन्हें स्कूल में प्रवेश से पूर्व जांच रिपोर्ट व अभिभावकों की अनुमति पत्र लाने के लिए कहा है। वहीं बच्चों ने भी स्कूल खुलने पर खुशी जाहिर की। बच्चों का कहना था कि ऑनलाइन शिक्षा में उन्हें काफी दिक्कतों का समाना करना पड़ता था, लेकिन अब स्कूल खुलने के बाद उनकी दिक्कतें भी दूर होंगी और वे अब अच्छे से अपनी पढ़ाई भी कर सकेंगे।
गौरतलब है कि कोरोना संकट के चलते 24 मार्च 2020 को लगे लॉकडाउन के बाद बुधवार से स्कूलों में बच्चों की कक्षाएं शुरू की गई है। हालांकि पहले दिन स्कूलों में बच्चों की संख्या कुछ कम रही, लेकिन उम्मीद है की आने वाले दिनों में इसमें बढ़ोतरी होती जाएगी। जल्द ही लॉकडाउन से पहले जैसे हालात दिखाई दे सकते है। बच्चों में दिखाई दी उमंग, खिले चेहरे नजर आए
गांव बिरोहड़ स्थित एचडी पब्लिक स्कूल में 330 दिन के बाद कक्षा तीसरी से पांचवीं के विद्यार्थी पहली बार विद्यालय पहुंचकर फूला नहीं समा रहे थे। तीसरी कक्षा के बालकों ने सबसे पहले अपने शिक्षकों के चरण स्पर्श किए। इसके बाद बच्चे उत्तेजित एवं प्रफुल्लित होकर अपने विद्यालय के झूलों की तरफ दौड़े। कक्षा तीसरी की छात्रा वासु लंबे समय बाद जब विद्यालय आई तो अपनी अध्यापिका को बताया कि मैम स्कूल की बहुत याद आती थी। कक्षा तीसरी की छात्रा रिया नीमली ने अपनी अध्यापिका मुकेश रोहिल्ला को बताया कि मैडम इस बार वह विद्यालय द्वारा आयोजित खेलों में हिस्सा नहीं ले सकी। अध्यापकों ने बच्चों की थर्मल स्कैनिग, हाथ सैनिटाइज करवा माथे पर तिलक लगाकर जीवन में आगे बढ़ने का आशीर्वाद दिया।
विद्यालय संचालक बलराज फौगाट, प्राचार्य सुनील कुमार ने बताया कि आज का दिन अन्य दिनों से अलग दिखाई दिया जब छोटे बच्चों की चिल्लाने की चीख झूलों पर देखने को मिली।
स्कूलों में नियमों की की गई पालना
कस्बा झोझू कलां स्थित आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य डा. प्रमेन्द्र चितौड़िया ने कहा कि वास्तव में आज ही स्कूल रूपी बागिया के बच्चों रूपी फूल महकने लगे है। छोटे-छोटे बच्चों के बिना स्कूल में भी सुना- सुना सा लगता है। बच्चों की किलकारीओं, भागदौड़, उछल-कूद, शरारतों से ही स्कूल अपनी पूर्णता को प्राप्त करता है। आज कक्षा तीसरी से पांचवीं तक के लगभग पचास फीसदी बच्चे सावधानियों का पालन करते हुए स्कूल पहुचें। प्राथमिक कक्षा अध्यापक भीम सिंह ने कहा कि किसान अपनी लहलहाती फसल को देखकर खुश होता है उसी तरह एक शिक्षक भी अपने नन्हें-मुन्ने बच्चों को देखकर खुश होता है। कस्बा नांधा स्थित आदर्श वरिष्ठ मध्यमिक विद्यालय के संस्थापक कुलदीप सांगवान ने कहा कि वास्तव में स्कूल सही मायनों में स्कूलों में रौनक आई है। 11 माह बाद बुधवार को कक्षा तीसरी से पांचवीं तक के 70 फीसद बच्चे सावधानियों का पालन करते हुए स्कूल पहुचें। दादरी नगर की पुरानी संस्था वैश्य कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की प्राचार्या संगीता राणा ने बताया कि तीसरी से पांचवीं तक की कक्षाओं में करीब 60 फीसद तक हाजिरी रही। शिक्षिकाओं ने पहले ही वाट्सअप मैसेज कर सभी अभिभावकों को सूचित कर दिया था। गांव इमलोटा के सर्वोदय स्कूल आफ साइंस के प्राचार्य पुनीत शर्मा के मुताबिक बच्चों में काफी उत्साह व उमंग का माहौल बना हुआ था। कोविड नियमों का पालन कर व अभिभावकों की अनुमति पत्र के बाद ही बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिया गया। कलस्टर हैड्स की बैठक बुलाई : डीईओ
जिला शिक्षा अधिकारी जयप्रकाश संभ्रवाल ने बताया कि बुधवार से निजी व सरकारी स्कूलों में तीसरी से पांचवीं तक की कक्षाएं शुरू हुई है। विद्यालय संचालकों को कोविड-19 नियमों की पालना के सख्त निर्देश दिए गए है। उन्होंने स्वयं दादरी जिले के सभी स्कूल कलेस्टर हैड की बैठक कर बच्चों में स्कूलों में आने के लिए प्रेरित करने, नियमों की पालना करने के निर्देश दिए है। उम्मीद है कि अगले दो चार रोज में ही कक्षाएं पहले की तरह लगने लगेगी।