कला प्रतियोगिताओं एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में भागीदारी भी जरूरी : अंशज ¨सह
जागरण संवाददाता, भिवानी : बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ कला प्रतियोगिताओं एवं सांस्कृतिक गतिवि
जागरण संवाददाता, भिवानी : बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ कला प्रतियोगिताओं एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में भागीदारी भी जरूरी है, ताकि उन्हें पढ़ाई बोझ ना लगे। यह बात उपायुक्त अंशज ¨सह ने जिला बाल कल्याण परिषद की ओर से स्थानीय पंचायत भवन में बाल दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोलते समय कही। उन्होंने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में बाल दिवस मनाया जाता है। बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। उपायुक्त ने कहा कि बच्चे देश के कर्णधार होते हैं, इसलिए वे जो सोच सकते है वे कर भी सकते हैं। क्योंकि बच्चों में जोश और जज्बा ही नहीं, अपितु कल्पना शक्ति भी बेमिसाल होती हैं। बच्चों को अपनी ऊर्जा का प्रयोग सकारात्मक कार्य में करना चाहिए ताकि वे सफलता की सीढि़यों पर आसानी से चढ़ सके। उन्होंने कहा कि कोई भी उत्सव बच्चों के बिना अधूरा होता हैं, क्योंकि जो जोश व जज्बा बच्चों में देखने को मिलता है उतना बड़ों में नहीं होता। इसलिए भारत के प्रथम प्रधानमंत्री प. जवाहर लाल नेहरू बच्चों से विशेष लगाव रखते थे। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित अभिभावकों से आह्वान किया कि वे बच्चों को देश की संस्कृति से संबंधित संस्कार दे। कार्यक्रम में अनेक स्कूलों से आए विद्यार्थियों ने हरियाणावीं नृत्य, पंजाबी भांगड़ा सहित अनेक रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इसके बाद अक्तूबर माह के दौरान आयोजित साप्ताहिक प्रतियोगिताओं में विजेता विद्यार्थियों को उपायुक्त अंशज ¨सह, सीजेएम शिफा व जिला बाल कल्याण परिषद की अध्यक्ष निशी ¨सह ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इन प्रतियोगिताओं में पोस्टर में¨कगए स्के¨चग, माड¨लग, कार्ड मे¨कग, कैंडल व क्लश डेकोरेशन, फेस पें¨टग व रंगोली इत्यादि प्रतियोगिताएं शामिल थी। इस अवसर पर जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राम ¨सह, जिला बाल संरक्षण अधिकारी डॉ. रितु, जिला बाल कल्याण अधिकारी सोमदत्त खुंडिया, जिला विज्ञान अधिकारी पंकज बजाज, रेडक्रास सचिव प्रदीप हुडा सहित अनेक अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।