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शहर में बिना बिल सप्लाई हो रहीं ईटें, बिल न काटने पर पांच फीसद जीएसटी चोरी

शहर में बिना बिल काटे ही ईंटों की लगातार सप्लाई हो रही थी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 08:27 AM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 08:27 AM (IST)
शहर में बिना बिल सप्लाई हो रहीं ईटें, बिल न काटने पर पांच फीसद जीएसटी चोरी

जागरण संवाददाता, भिवानी : शहर में बिना बिल काटे ही ईंटों की लगातार सप्लाई हो रही थी। इन ईंटों की सप्लाई से सरकार को हर रोज हजारों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा था। सरकार की तरफ से ईंटों के बेचने पर बिल काटकर सरकार के खाते में पांच फीसद जीएसटी जमा करवाने के आदेश दिए हैं। लेकिन बिल ही नहीं कटते तो जीएसटी सरकार के पास पहुंच ही नहीं पा रहा। ऐसे मामले एक दो नहीं बल्कि सभी जगह लग रहे है। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री उड़दस्ते को मिली तो स्पेशल टीम जीएसटी चोरी रोकने के लिए बनी। इसमें मुख्यमंत्री उड़नदस्ते की टीम के सदस्यों के साथ सेल्स विभाग के अधिकारी भी शामिल थे। रोहतक से आई टीम के सदस्यों ने जिले में ताबड़तोड़ छापेमारी की और सात ट्रैक्टर को पकड़ा। ट्रैक्टर चालक कोई भी कागज नहीं दिखा पाए तो उन पर साढ़े तीन हजार रुपये जीएसटी टैक्स और 70 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।

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बुधवार को मुख्यमंत्री उड़नदस्ता रोहतक टीम को ईंटों की सेल कर जीएसटी चोरी करने की शिकायत मिली थी। शिकायत पर वहां से सेल्स विभाग के अधिकारियों से मिलकर एक टीम का गठन किया गया। बुधवार सुबह ही मुख्यमंत्री उड़नदस्ता जीएसटी चोरी कर लाई जा रही ईंटों से भरे ट्रैक्टर पकड़े। जिससे ईंट भट्ठा संचालकों में दिन भर हड़कंप मचा रहा। गांव निनान के पास सात ट्रैक्टरों के ड्राइवरों से ईंटों के कागज मांगें परंतु वह कागजात नहीं दिखा पाए। उसी समय ट्रैक्टर चालक की तरफ से जिस भट्ठे से ईंट लाने की बात बताई तो उसको भी सूचना दी ई।

टीम ने मुख्यमंत्री और जीएसटी अधिकारियों की टीम ने संयुक्त रूप से चेक करने पर उनसे ईंटों के बिल बारे पूछताछ की गई। ट्रैक्टर चालकों ने बताने में असमर्थ रहे। सभी ट्रैक्टरों को लीलू राम आरा रोहतक रोड पर मशीन पर लाया गया। यहां पर जीएसटी विभाग द्वारा नियम अनुसार कार्रवाई की गई। ट्रैक्टर के मालिकों द्वारा जुर्माना भरने के बाद ट्रैक्टरों को छोड़ा जाएगा।

मुख्य रूप से टीम में ललित ईटीओ टैक्स विभाग, अनूप सिंह मुख्यमंत्री उड़नदस्ता, सुनील कुमार सब इंस्पेक्टर मुख्यमंत्री उड़नदस्ता, सहदेव, बजरंग, उमेद प्रदीप टैक्स विभाग आदि थे।

पांच फीसद लगता है जीएसटी

सरकार के जीएसटी के नियमों के तहत ईंटों के बिल पर पांच फीसद जीएसटी सरकार को देना होता है। काफी बार देखने में आया कि यह पैसा नहीं आता। सरकार को इससे राजस्व का नुकसान होता हैं। बुधवार को कार्रवाई के बाद अब दोबारा से भी जांच होगी जिसमें बिल की जांच की जाएगी। बाक्स.

जीएसटी नहीं भरने वाले ट्रैक्टर वालों को पकड़ा गया है। यह शहर में ईंट लेकर आ रहे थे। इनके पास कोई कागजात नहीं मिला। इन पर तय नियमानुसार जुर्माना लगाया गया है।

- सुनील कुमार, सब इंस्पेक्टर, मुख्यमंत्री उड़नदस्ता।


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