भाजपा सांसद धर्मबीर ने फिर उठाया बिजली की दरें सस्ती करने का मुद्दा
जागरण संवाददाता, भिवानी : हरियाणा के राजनैतिक इतिहास में बिजली बिलों के मुद्दे ने कई सरक
जागरण संवाददाता, भिवानी : हरियाणा के राजनैतिक इतिहास में बिजली बिलों के मुद्दे ने कई सरकारें गिराई तो कई पार्टियों की बनाई। चुनाव भले ही 2014 का हो या फिर से उससे पहले का। हर बार चुनाव से एक वर्ष पूर्व बिजली के मुद्दे गर्मा जाते हैं। 2019 के चुनाव भी एक वर्ष दूर हैं और भाजपा के सांसद धर्मबीर ¨सह ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर उन्हें बिजली कटों को लेकर जनता की नाराजगी का हवाला देते हुए बिजली की दरें 2 रुपये 50 पैसे प्रति यूनिट करने की मांग कर डाली है। उन्होंने चिट्ठी में साफ लिखा है कि इस मुद्दे पर वे सीएम से मौखिक भी चर्चा कर चुके हैं और बिजली चोरी रोकने का सबसे कारगर उपाय केवल बिजली की दरें कम करना ही है। देखना यह है कि उनकी चिट्ठी कितनी असरदार साबित होती है या फिर यह चिट्ठी आने वाले चुनावों के लिए मुद्दा बनती है।
यहां स्पष्ट कर दें कि सांसद धर्मबीर ¨सह ने कांग्रेस सरकार में रहते हुए 2014 के चुनाव से पूर्व भी तत्कालीन मुख्यमंत्री के समक्ष बिजली की दरें सस्ती करने का मुद्दा उठाया था। उस समय जिले की जनता ने भी इस मुद्दे पर बड़ा आंदोलन किया था।
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सांसद ने सोशल मीडिया पर जनता की राय मांगी
साथ ही उन्होंने फेसबुक के जरिये जनता से राय मांगी है। उन्होंने अपने फेसबुक एकाउंट पर लिखा है कि एक तो भीषण गर्मी की वजह से बिजली की खपत अत्यधिक है और लाइन लॉस के नाम पर जो बिजली चोरी होती है, उस पर भी लगा नहीं लग पा रही है। मेरा सुझाव है कि अगर सरकार द्वारा शुरूआती 200 यूनिट प्रति महीना की दर 2 रुपये 50 पैसे प्रति यूनिट कर दिया जाए, जिससे एक सामान्य परिवार को जितनी आवश्यकता होती है, उतनी बिजली 500 रुपये महीने में मिल जाएगी और बिजली चोरी पर भी लगाम लग सकेगी। क्या आप सहमत हैं? कमेंट करें।
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ये लिखी सीएम को चिट्ठी
सांसद धर्मबीर ¨सह ने मुख्य मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि हरियाणा प्रदेश भी बिजली चोरी की समस्या से जूझ रहा है। एक तो मौसम में बदलाव व ग्लोबल वार्मिंग की वजह से इतनी गर्मी हो गई है कि इस वर्ष मार्च महीने में जून जुलाई वाली गर्मी पड़ी, जो बेहद खतरनाक है। ऊपर से हरियाणा प्रदेश में लाइन लॉस के नाम पर बिजली की चोरी भी होती है। लोग बिजली लाइन में सीधा तार लगाकर चोरी करते हैं। मुझे नहीं लगता कि जो कार्य बिजली चोरी को रोकने के लिए वर्तमान में किया जा रहा है, उससे कोई ज्यादा फायदा होगा। बिजली निगम और सरकार को तो थोड़ा बहुत फायदा हो सकता है। लेकिन आमजन बहुत परेशान है। इसका समाधान सरकार का कर्तव्य है। मेरे कुछ सुझाव हैं, जो मैने पहले भी आपसे कई बार मौखिक साझा किए थे। अगर सरकार शुरुआती 200 यूनिट प्रति महीने को 2 रुपये 50 पैसे प्रति यूनिट बिजली दर निर्धारित कर दे तो मध्यम व गरीब परिवार के घरेलू इस्तेमाल के लिए बहुत है। इससे बिजली निगम और जनता, दोनों को फायदा होगा। घरों में सभी आसानी से बिजली मीटर के साथ साथ लगातार बिल जमा कराएंगे और चोरी की बजाए बिजली भी कम खर्च करेंगे। जनता में बिजली के इतने कट होने की वजह से बहुत भारी रोष है। गर्मी भयानक पड़ रही है, जिससे बीमारी फैलने का खतरा बहुत बढ़ जाता है। इन सब समस्याओं को देखते हुए मेरा आपसे अनुरोध है कि बिजली चोरी को रोकने और घाटे को पूरा करने के लिए एक बार इस फार्मूला को आजमाया जाए।