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भारत केसरी विवेक व दंगल गर्ल बबीता ने बेहद सादगीपूर्ण विवाह कर मिसाल की पेश

दंगल गर्ल इंटरनेशनल रेसलर बबीता फौगाट जिला झज्जर क

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 12:45 AM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2019 12:45 AM (IST)
भारत केसरी विवेक व दंगल गर्ल बबीता ने बेहद सादगीपूर्ण विवाह कर मिसाल की पेश

सोनू जांगड़ा, जगदीप सिंह चरखी दादरी : दंगल गर्ल, इंटरनेशनल रेसलर बबीता फौगाट जिला झज्जर के गांव मातनहेल के मूल निवासी व फिलहाल दिल्ली के नजफगढ़ निवासी खिलाड़ी विवेक सुहाग के साथ परिणय सूत्र में बंध गई। विवेक सुहाग ने 2018 में भारत केसरी पुरस्कार जीता था। बबीता और विवेक की सगाई 18 मई को हुई थी। शादी समारोह रविवार को बबीता के पैतृक गांव बलाली में संपन्न हुआ। रिसेप्शन 2 दिसंबर को दिल्ली में रखा गया है। शादी की रिसेप्सन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री सहित अनेक राजनेताओ, आमिर खान, सनी देओल व अन्य बॉलीवुड, खेल हस्तियों को निमंत्रण दिया गया है।

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बबीता फौगाट व विवेक सुहाग ने समाज को एक संदेश देते हुए शादी में सात नहीं आठ फेरे लिए। आठवें फेरे में दोनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ के संदेश को आगे बढ़ाया। दोनों ने पारंपरिक रीति-रिवाज व बिना दान दहेज के शादी कर मिसाल पेश की। अंतरराष्ट्रीय रेसलर बबीता का दादरी के गांव बलाली में रविवार की रात वैदिक विधि-विधान व पारंपरिक परंपरा के अनुसार शादी संपन्न हुई। शादी समारोह की सभी रस्में बबीता के गांव बलाली में पूरी कराई गई। गांव बलाली में हुई शादी

बबीता फौगाट शादी में लाल रंग का लहंगा चुन्नी पहने हुए थीं। वहीं, विवेक सुहाग क्रीम कलर की शेरवानी में खूब जंच रहे थे। गीता व बबीता फौगाट की मैनेजर तृप्ती सिंह ने बताया कि बबीता फौगाट को हिदुस्तान के फैमस ब्यूटीशियन ने तैयार किया है। भावुक हो उठी बबीता फौगाट

अंतरराष्ट्रीय पहलवान बबीता फौगाट ने कहा कि आज बड़ी खुशी का दिन है और मुझे नहीं लग रहा कि मैं इतनी बड़ी हो गई कि आज मेरे घर से डोली जा रही है। बाबूल का घर छोड़ने के दौरान बबीता फौगाट भावुक हो उठी और आंखें छलक आई। उन्होंने कहा कि माता-पिता का घर छोड़ने को मन नहीं करता लेकिन रीति रिवाजों अनुसार वह घर से विदा हो रही है। बबीता फौगाट ने अपने गांव बलाली में डोली उठने से पूर्व दैनिक जागरण से विशेष बातचीत की। बातचीत के दौरान बबीता भावुक हो उठी और अपने आसूं पोंछते हुए बोली- माता पिता ने जो प्यार दिया है उसे वे कई नहीं भुला सकती। एक रूपया, नारियल लिया लग्न में

पहलवान विवेक सुहाग के परिजनों ने लग्न के तौर केवल चांदी का एक रुपया, चांदी का नारियल ही स्वीकार किया। दोनों परिवारों का सादगी व परंपरागत संस्कारों के प्रति समर्पण देखते ही बनता था। इन परिवारों के बड़े लोगों ने कहा कि जब हम लोग ही किसी अच्छी बात की पहल करेंगे तो समाज में अच्छा संदेश जाएगा। सादगीपूर्ण माहौल में हुआ विवाह

विवाह का कार्यक्रम काफी सादगीपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इससे पूर्व विवेक सुहाग घोड़ी पर सवार होकर बबीता फौगाट के मकान पर बने पंडाल पर पहुंचा। उसके साथी ग्रामीण महिलाओं के परंपरागत गीतों से वातावरण गुंजता दिखाई दिया। वैवाहिक कार्यक्रम में कई नामी खिलाड़ी व विशिष्ट व्यक्ति शामिल हुए थे लेकिन कहीं ऐसा दिखाई नहीं दे रहा था कि यहां किसी प्रकार की भी शान शौकत, दिखावा है।


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